अमेरिकी सिनेट ने 16 दिसंबर 2014 को ध्वनिमत से एक प्रस्ताव पारित कर
कैलाश सत्यार्थी और मलाला युसुफजई को शांति का प्रतीक माना. सत्यार्थी और मलाला
वर्ष 2014 के नोबेल शांति पुरस्कार के संयुक्त विजेता हैं.
प्रस्ताव ने उन्हें शांति
का प्रतीक के तौर पर मान्यता प्रदान की और बच्चों के वित्तीय शोषण को समाप्त करने
एवं सभी बच्चों के लिए शिक्षा के अधिकार की वकालत की. इन्हें बच्चों की गुलामी और
सभी बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा के लिए किए गए अपने प्रयासों की वजह से मान्यता
प्रदान की गई है.
प्रस्ताव में दुनिया के उन सभी लोगों की प्रशंसा की गई है जो बच्चों की गुलामी को खत्म करने और सभी बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में काम कर रहे हैं. प्रस्ताव में बच्चों के वित्तीय शोषण को खत्म करने और सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने की चुनौतियों को भी स्वीकारा गया.
प्रस्ताव निवर्तमान सिनेटर टॉम हारकिन ने 11 दिसंबर 2014 को पेश किया और यह अमेरिकी सिनेट के 113वीं कांग्रेस का आखिरी पारित आइटम था.
प्रस्ताव में दुनिया के उन सभी लोगों की प्रशंसा की गई है जो बच्चों की गुलामी को खत्म करने और सभी बच्चों के लिए आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने की दिशा में काम कर रहे हैं. प्रस्ताव में बच्चों के वित्तीय शोषण को खत्म करने और सभी बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने की चुनौतियों को भी स्वीकारा गया.
प्रस्ताव निवर्तमान सिनेटर टॉम हारकिन ने 11 दिसंबर 2014 को पेश किया और यह अमेरिकी सिनेट के 113वीं कांग्रेस का आखिरी पारित आइटम था.
0 comments:
Post a Comment