कैलाश सत्यार्थी और मलाला यूसुफजई को वर्ष 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया-(12-DEC-2014) C.A

| Friday, December 12, 2014

भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई को वर्ष 2014 का नोबेल शांति पुरस्कार 10 दिसंबर 2014 को प्रदान किया गया. नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में नोबेल शांति विजेताओं को नोबेल पदक और 1.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि प्रदान की गई.
नोबेल शांति पुरस्कार के दोनों विजेताओं को नार्वे नोबेल समिति द्वारा चैंपियंस ऑफ पीस के रूप में संबोधित किया गया. इसके अलावा, अमेरिकी सीनेट ने भी दोनों विजेताओं को शांति के प्रतीक हेतु प्रस्ताव पारित किया.
कैलाश सत्यार्थी और मलाला युसुफ़ज़ई को बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ उनके संघर्ष के लिए और सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए सम्मानित किया गया.

कैलाश सत्यार्थी
कैलाश सत्यार्थी एक भारतीय बाल अधिकार कार्यकर्ता है और 1990 के दशक के बाद से बाल श्रम के खिलाफ भारतीय आंदोलन में सक्रिय हैं. उनके संगठन बचपन बचाओ आंदोलनने 80000 से अधिक बच्चों को मुक्त कराया है और उनके पुनर्वास और शिक्षा के क्षेत्र में मदद की. बचपन बचाओ आंदोलनचलाने वाले सत्यार्थी ने महात्मा गांधी की परंपरा को बरकरार रखा और वित्तीय लाभ के लिए होने वाले बच्चों के गंभीर शोषण के खिलाफ विभिन्न प्रकार के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों का नेतृत्व किया. कैलाश सत्यार्थी ने बाल अधिकारों के महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के विकास में योगदान दिया.
मलाला यूसुफज़ई  
पाकिस्तान की 17 वर्षीय बाल शिक्षा कार्यकर्ता मलाला युसुफ़ज़ई नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाली सबसे कम उम्र की प्राप्तकर्ता हैं. मलाला यूसुफज़ई पाकिस्तान के स्कूल की छात्र और शिक्षा कार्यकर्ता हैं. मलाला को महिलाओं के शिक्षा के अधिकार लिए जाना जाता है. पाकिस्तान की मलाला युसूफजई उस समय चर्चा में आई जब तालिबान आतंकियों द्वारा अक्तूबर 2012 में मलाला को गोली मार दी गई. मलाला का जन्म पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले स्थित मिंगोरा गांव में हुआ. 13 वर्ष की उम्र से ही वह तहरीक ए तालिबान शासन के अत्याचारों से तंग आकर छद्म नाम से बीबीसी के लिए ब्लागिंग के द्वारा स्वात के लोगों की नायिका बन गयीं. ब्लॉग में वे तालिबान के कुकृत्यों के खिलाफ कविताएं व अपने अनुभव लिखती थीं. उल्लेखनीय है स्वात में 2009 से ही तालिबान का कब्जा है.
वर्ष 2014 के अन्य नोबेल पुरस्कार विजेता
अन्य नोबेल पुरस्कार विजेताओं ने स्वीडन के स्टॉकहोम में नॉर्वे के किंग हेराल्ड पंचम की उपस्थिति में नार्वे नोबेल समिति के अध्यक्ष से नोबेल पुरस्कार प्राप्त किए.
•    चिकित्सा क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार: वर्ष 2014 के चिकित्सा क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार हेतु अमेरिकी-ब्रिटिश वैज्ञानिक जॉन ओ कीफे (John O'Keefe) और नार्वे के वैज्ञानिक दंपति मे-ब्रिट मोजर (May-Britt) और एडवर्ड मोजर (Edvard Moser) का संयुक्त रूप से चयन किया गया. वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार दिमाग की ग्लोबल पॉजिशिनिंग सिस्टम (जीपीएस प्रणाली) खोजने के लिए दिया गया.
•    साहित्य क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार: फ्रांस के लेखक पैट्रिक मोदियानो को वर्ष 2014 के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया.
•    भौतिकी क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार: जापान के भौतिक विज्ञानी इसामू अकासाकी (Isamu Akasaki) एवं हिरोशी अमानो (Hiroshi Amano) और जापानी मूल के अमेरिकी वैज्ञानिक शुजी नाकामुरा (Shuji Nakamura) का संयुक्त रूप से वर्ष 2014 के भौतिकी क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार हेतु चयन किया गया. इन वैज्ञानिकों का चयन नीले प्रकाश उत्सर्जित करने वाले डायोड के आविष्कार के लिए किया गया. ये डायोड एक नए ऊर्जा सक्षम एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रकाश स्त्रोत हैं.
•    रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार: वर्ष 2014 के लिए रसायन शास्त्र के नोबेल पुरस्कार हेतु तीन वैज्ञानिकों- अमेरिका के एरिक बेटजिग (Eric Betzig) और विलियम ई मोर्नर (William E. Moerner) तथा जर्मनी के वैज्ञानिक स्टीफन हेल (Stefan W. Hell) का चयन किया गया. उन्हें यह पुरस्कार अतिसूक्ष्म चीजों को देखने के लिए बेहद शक्तिशाली फ्लोरेसेंस माइक्रोस्कोपी का विकास करने के लिए दिया गया.
•    अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार: फ्रांस के अर्थशास्त्री जीन तिरोल को वर्ष 2014 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार 13 अक्टूबर 2014 को प्रदान किया गया.. जीन तिरोल को 'मार्केट पावर एँड रेगुलेशन' (बाज़ार संबंधी विश्लेषण और प्रभावशाली कंपनियों पर नियंत्रण कैसे हो) विषय पर शोध के लिए यह सम्मान दिया गया.

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