केंद्र सरकार और परिधान
प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र (एटीडीसी) ने युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण देने
के लिए समझौता ज्ञापन पर 9 दिसंबर 2014 को
हस्ताक्षर किया. इसका उद्देश्य एक ऐसी रूपरेखा तैयार करना है जिसके द्वारा एटीडीसी
राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण दिया जा सके.
समझौता
ज्ञापन का विवरण
• एटीडीसी बड़े परिधान निर्यात घरानों और अग्रणी घरेलू निर्माताओं के साथ मिलकर कस्टमाइज्ड पाठ्यक्रमों का संचालन करें.
• एटीडीसी द्वारा कराया जाने वाला पाठ्यक्रम राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) द्वारा अनुमोदित किया जाएगा जिससे उम्मीदवारों को एनसीवीटी प्रमाणपत्र मिल सकेगा.
• एटीडीसी के पास ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को विकसित करने की स्वतंत्रता होगी. इन पाठ्यक्रमों का सैद्धांतिक हिस्सा प्रशिक्षण केंद्र में जबकि प्रायोगिक हिस्सा उद्योग में पढाए जाएंगे.
• एटीडीसी छात्रों के बैच में से 80 फीसदी छात्रों को रोजगार दिलाना सुनिश्चित करेगा.
यह समझौता तीन प्रकार से मदद करेगा
• यह कौशल आधारित कार्यक्रमों की राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन में आने वाली छोटी– छोटी बाधाओं में कमी लाएगा.
• यह पाठ्यक्रम में बदलते तकनीक को शामिल करने पर ध्यान देगा.
• यह उद्योग के आदानों के साथ और डीजीईएंडटी के सहयोग से दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों पर अधिक ध्यान देगा.
इससे पहले ऐसा ही एक समझौता रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीईटी) के महानिदेशक और अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों के बीच कौशल आधारित कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु किया गया था. उस समझौते का उद्देश्य था रोजगार सृजन.
इनमें शामिल है– ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और टाटा मोटर्स, विनिर्माण के क्षेत्र में लेबोर्नेट, वस्त्र के क्षेत्र में रेमंड, इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक क्षेत्र में कैडिला, बिजली के क्षेत्र में गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी लिमिटेड.
परिधान प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र (एटीडीसी)
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के तहत स्थापित परिधान प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र (एटीडीसी) भारत के परिधान क्षेत्र का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रशिक्षण नेटवर्क के तौर पर उभरा है. इसके नेटवर्क में करीब 175 एटीडीसी है जिसमें से 65 एटीडीसी व्यावसायिक संस्थान हैं और 135 से अधिक एटीडीसी– स्मार्ट केंद्र और कौशल शिविर प्रमुख परिधान समूहों में मौजूद है. ये भारत भर के 22 राज्यों और 85 शहरों में फैले हैं.
• एटीडीसी बड़े परिधान निर्यात घरानों और अग्रणी घरेलू निर्माताओं के साथ मिलकर कस्टमाइज्ड पाठ्यक्रमों का संचालन करें.
• एटीडीसी द्वारा कराया जाने वाला पाठ्यक्रम राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) द्वारा अनुमोदित किया जाएगा जिससे उम्मीदवारों को एनसीवीटी प्रमाणपत्र मिल सकेगा.
• एटीडीसी के पास ऐसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को विकसित करने की स्वतंत्रता होगी. इन पाठ्यक्रमों का सैद्धांतिक हिस्सा प्रशिक्षण केंद्र में जबकि प्रायोगिक हिस्सा उद्योग में पढाए जाएंगे.
• एटीडीसी छात्रों के बैच में से 80 फीसदी छात्रों को रोजगार दिलाना सुनिश्चित करेगा.
यह समझौता तीन प्रकार से मदद करेगा
• यह कौशल आधारित कार्यक्रमों की राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन में आने वाली छोटी– छोटी बाधाओं में कमी लाएगा.
• यह पाठ्यक्रम में बदलते तकनीक को शामिल करने पर ध्यान देगा.
• यह उद्योग के आदानों के साथ और डीजीईएंडटी के सहयोग से दीर्घकालिक पाठ्यक्रमों पर अधिक ध्यान देगा.
इससे पहले ऐसा ही एक समझौता रोजगार एवं प्रशिक्षण महानिदेशालय (डीजीईटी) के महानिदेशक और अन्य औद्योगिक प्रतिष्ठानों के बीच कौशल आधारित कार्यक्रम के कार्यान्वयन हेतु किया गया था. उस समझौते का उद्देश्य था रोजगार सृजन.
इनमें शामिल है– ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड और टाटा मोटर्स, विनिर्माण के क्षेत्र में लेबोर्नेट, वस्त्र के क्षेत्र में रेमंड, इंस्ट्रूमेंट मैकेनिक क्षेत्र में कैडिला, बिजली के क्षेत्र में गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी लिमिटेड.
परिधान प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र (एटीडीसी)
परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (एईपीसी) के तहत स्थापित परिधान प्रशिक्षण एवं विकास केंद्र (एटीडीसी) भारत के परिधान क्षेत्र का सबसे बड़ा व्यावसायिक प्रशिक्षण नेटवर्क के तौर पर उभरा है. इसके नेटवर्क में करीब 175 एटीडीसी है जिसमें से 65 एटीडीसी व्यावसायिक संस्थान हैं और 135 से अधिक एटीडीसी– स्मार्ट केंद्र और कौशल शिविर प्रमुख परिधान समूहों में मौजूद है. ये भारत भर के 22 राज्यों और 85 शहरों में फैले हैं.
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