भारतीय रिजर्व
बैंक ने 8 दिसंबर 2014 को रेलवे
के बुनियादी ढांचे और रक्षा क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी (एफडीआई) संबंधी नीति
जारी की. अगस्त 2014 में औद्योगिक नीति और संवर्धन
(डीआईपीपी) विभाग द्वारा जारी संशोधित नियमों के अनुसार, रक्षा
क्षेत्र में विदेशी निवेश की सीमा 49 प्रतिशत तक और रेलवे के
बुनियादी ढांचे में 100 प्रतिशत तक बढ़ा दी गई थी.
रेलवे क्षेत्र
के लिए संशोधित दिशा-निर्देश-
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सरकार ने रेलवे में ढाँचागत विकास
के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा को बढ़ाकर 100 प्रतिशत तक कर
दिया.
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सरकार ने 100 प्रतिशत की सीमा को रेलवे के निर्माण, ऑपरेशंस,
मरम्मत के क्षेत्रों के लिए वढाया है, जिसे
पीपीपी मॉल द्वारा पूरा किया जाएगा. इस संशोधित सीमा के माध्यम से हाई स्पीड रेल
परियोजनाओं और डेडिकेटेड फ्रेट लाइनों और मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के माध्यम
से निर्माण, संचालन के रूप में रेलवे के क्षेत्र में अनुमति
दी.
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प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की संशोधित
सीमा के माध्यम से ट्रेन सेट, और लोकोमोटिव
विनिर्माण कोच और रखरखाव सुविधाओं, रेलवे विद्युतीकरण,
सिगनल प्रणाली, माल ढुलाई टर्मिनलों और यात्री
टर्मिनल, सहित रोलिंग स्टॉक में सुधार के लिए भी संशधित सीमा
(100 प्रतिशत) कर दी गई.
रक्षा क्षेत्र
के लिए संशोधित दिशा-निर्देश
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रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी
निवेश की सीमा को 49 प्रतिशत (एफआईआई (FIIs), आरईपीआई (RFPIs), अनिवासी भारतीयों, एफवीसीआई (FVCIs) और क्यूएफआई (QFIs) में के क्षेत्रों में अनुमति दी गई. विदित हो कि रक्षा क्षेत्र में
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की पूर्व सीमा 26 प्रतिशत थी.
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विदेशी पोर्टफोलियो निवेश और एफवीसीआई
(FVCI) निवेश ऑटोमेटिक रुट के तहत किया जाएगा.
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इस स्थिति में दोनों निवेश करने
वाली कंपनियों की कुल इक्विटी का 24 से अधिक नहीं
होगी.
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