भारत-रूस ने 15वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए-(31-DEC-2014) C.A

| Wednesday, December 31, 2014
भारत और रूस ने 11 दिसम्बर 2014 को नई दिल्ली में आयोजित 15वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान 20 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. सभी समझौतों पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में किए गए.
हस्ताक्षरित समझौतों के अनुसार-निजी उद्यमों और आठ सरकारी संस्थाओं के बीच परमाणु ऊर्जा, तेल और गैस, स्वास्थ्य, निवेश, खनन, मीडिया और पवन ऊर्जा के क्षेत्र से जुड़े क्रंमश: 12 और 8 समझौते शामिल हैं. इन समझौतों में रूस ने भारत में कम से कम 12 परमाणु रिएक्टरों के निर्माण में मदद करने और भारत में उन्नत रूसी सैन्य हेलीकाप्टरों और रक्षा संबंधी स्पेयर पार्ट्स का निर्माण करने पर सहमति व्यक्त की. शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों ने सामरिक भागीदारी को विशेष रुप से मजबूत करने पर जोर दिया.

अंतरराष्ट्रीय संबंध-
दोनों देशों के  विदेश मंत्रालयों के मध्य वर्ष 2015-2016 की अवधि के लिए प्रोटकॉल भी निर्धारित किया गया. एशिया-प्रशांत से लैटिन अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के से पश्चिमी एशिया तक और संयुक्त राष्ट्र, जी-20, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन, रिक जैसे 17 मुद्दों पर गहन विचार विमर्श की बात पर सहमति व्यक्त की गई.
परमाणु ऊर्जा

    अगले दो दशकों के लिए असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग की एक रूपरेखा तैयार करने और शांतिपूर्ण उपयोग के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने के लिए सामरिक दृष्टि से 20 से अधिक परमाणु ऊर्जा इकाइयों का निर्माण करने की योजना भी बनाई गई है.  
    परमाणु ऊर्जा निगम इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और (एएसई) के बीच कुडनकुलम परमाणु विद्युत परियोजना की चार सूत्रीय रूपरेखा समझौते (जीएफए) और तकनीकी वाणिज्यिक प्रस्ताव पारित करने के लिए सामान्य रूपरेखा समझौते (जीएफए) पर अप्रैल 2014 में हस्ताक्षर किए गए थे.
    एएसई द्वारा कुछ प्रमुख उपकरणों की आपूर्ति के लिए कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की यूनिट 3 और 4 के लिए परमाणु ऊर्जा निगम इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और (एएसई) के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए.

तेल और गैस
     वर्ष 2015-16 में तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए अंर्तसरकारी समझौते के दायरे में सहयोग (पीओसी) के तहत समझौते के अनुसार संयुक्त अन्वेषण और हाइड्रोकार्बन उत्पादन, दीर्घकालिक एलएनजी की आपूर्ति सहित परियोजनाओं की परिकल्पना और भारत के साथ रूस द्वारा एक हाइड्रोकार्बन पाइपलाइन प्रणाली के संयुक्त अध्ययन पर भी सहमति व्यक्त की गई है.
     टाटा पावर और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के बीच निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए भी अध्यन की बात कह गई है.
    इंडियन ऑयल  लिमिटेड और और रोजनेफ्त के बीच सहमति पत्र पर भारत में हाइड्रोकार्बन परियोजनाओं पर तकनीकी सुविधा उपलब्ध कराने पर भी सहमति व्यक्त की गई है.
    कच्चे तेल और फीड स्टॉक/उत्पादों की भारत द्वारा दस वर्ष की आपूर्ति और कच्चे तेल की दीर्घकालिक आपूर्ति के लिए एस्सार और रोजनेफ्त के बीच समझौते पर सहमति व्यक्त की गई है.

आर्थिक क्षेत्र
तकनीकी सहयोग पर समझौता: व्यापार और आर्थिक सहयोग में तकनीकी बाधाओं को दूर करने के लिए उचित माहौल के निर्माण की बात पर भी सहमति व्यक्त की गई है.  रूस के एक्रान और भारत के एनएमडीसी के बीच 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत वाली पोटाश माइन योजना को रुस में विकसित करने पर भी सहमति व्यक्त की गई है. रूस और एस्सार समूह के व्नेशटरबैंक (वीटीबी) के बीच समझौते के अनुसार 1 बिलियन डॉलर का राशि एस्सार को आवंटित करने की बात कही गई है.
    फिक्की और डेलोवाया रुसेया के बीच समझौते के अनुसार प्रत्यक्ष निवेश निधि को मजबूत बनाने के लिए नए क्षेत्रों की पहचान करने पर सहमति व्यक्त की गई है.  
    इलेक्ट्रॉनिक्स और भारत के सॉफ्टवेयर निर्यात संवर्धन परिषद (ESEPCI) और रूस के यूनिवर्सिटीस ग्लोबली फाउंडेशन के बीच समझौते के अनुसार संयुक्त उद्यम, रणनीतिक गठजोड़ के माध्यम से और संयुक्त अनुसंधान और विकास में नए बाजारों में प्रवेश करने के लिए इन क्षेत्रों में कंपनियों को सक्षम करने पर सहमति व्यक्त की गई है.
    भारत और रूस के रोटेक की विंड टर्बाइन प्राइवेट लिमिटेड के बीच समझौते के अनुसार पवन ऊर्जा उपकरणों में दोनों कंपनियों के बीच सहयोग पर सहमति व्यक्त की गई है.
    समाचारों के आदान-प्रदान और समाचार मदों का उपयोग करने के लिए भारतीय और रुसी समाचार एजेंसियों पीटीआई और टीएएसएस के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
स्वास्थ्य क्षेत्र
स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता: एचआईवी / एड्स , कैंसर विज्ञान, जैव सूचना विज्ञान एवं बायोमागिंग, न्यूरो, वैक्सीन शोध और  स्वास्थ्य के विभिन्न क्षेत्रों में शोध के लिए सहमति व्यक्त की गई है.

अंतरिक्ष
ईआईआरईएनई प्रणाली और ग्लोनास संघ के बीच समझौते कए अनुसार भारत में नेविगेशन प्लेटफार्म और भौगोलिक सूचना प्रणाली जैसी परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए योगदान सहमति व्यक्त की गई है.
रक्षा
रूस के रक्षा प्रतिष्ठानों में भारतीय रक्षा कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए अनुबंध किया गया है.

टिप्पणी-
विभिन्न नए समझौतों पर हस्ताक्षर होने के बाद यह कह गया है कि वैश्विक स्तर पर भारत के विकल्पों में वृद्धि होने के बाद भी रुस भारत का सबसे भरोसेमंद रक्षा सहयोगी बना रहेगा.

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