अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी
नासा के ‘केपलर’ अंतरिक्ष यान
ने पृथ्वी से 180 प्रकाश वर्ष दूर एक सुपरअर्थ ‘एचआइपी 11645-बी’ की खोज की.
नासा द्वारा इसकी घोषणा दिसंबर 2014 के तीसरे सप्ताह में की
गई.
‘एचआइपी 11645-बी’ नाम के इस ग्रह का व्यास पृथ्वी का ढाई गुना है
और यह हमारे सूर्य जैसे ही एक तारे का चक्कर काटता है. इस सुपरअर्थ की खोज
कैंब्रिज के हारवर्ड-स्मिथसोनियन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के स्नातक छात्र
एंड्रयू वांडेरबर्ग ने केपलर द्वारा फरवरी 2014 में ‘के-2’ मिशन के दौरान इकट्ठा किए गए आंकड़ों से की.
इस खोज की पुष्टि केनरी द्वीप में स्थापित हार्पस -नार्थ स्पेक्ट्रोग्राफ ऑफ द
टेलेस्कोपियो नाजीओ नाले गैलिलियो द्वारा भी की गई. हार्पस के अनुसार, एचआइपी 11645-बी का वजन पृथ्वी से करीब 12 गुना है, जो इसे सुपरअर्थ बनाता है. इस शोध को ‘द एस्ट्रोफिजिकल’ जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा.
विदित हो कि, हमारे सौर मंडल में कोई भी सुपरअर्थ नहीं है. इस सुपरअर्थ की खोज ऐसे समय
हुई है जब खगोलविद और इंजीनियर केपलर को दूसरे मिशन के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं.
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