स्वदेश निर्मित
पिनाक मार्क-2 रॉकेट का ओडिशा के बालासोर में मल्टी बैरेल
रॉकेट लॉन्चर से 9 दिसंबर 2014 को सफल
परीक्षण किया गया. पिनाक मार्क-2 का ओडिशा के बालासोर से 15
किलोमीटर दूर चांदीपुर फायरिंग रेंज संख्या दो से प्रूफ एंड
एक्सपरीमेंटल स्टेबिलिशमेंट (पीएक्सई) के रुप में परीक्षण किया गया. यह परीक्षण
पुणे के आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैबलिशमेंट (एआरडीई) ने पीएक्सई लैब की
सहायता से आयोजित किया.
पिनाक मार्क-2 रॉकेट के अत्याधुनिक संस्करण की मारक क्षमता 60 किलोमीटर
से भी ज्यादा है. पिनाक रॉकेट बल गुणक के रूप में कार्य करने में सक्षम है. इसके
त्वरित एक्शन और कम समय के चलते आपात परिस्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है.
विदित हो कि
पिनाक एक मल्टी बैरल रॉकेट है, जिसके प्रारंभिक
प्रारूप का विकास वर्ष 1995 में रक्षा अनुसंधान एवं विकास
संगठन (डीआरडीओ) ने किया. ‘पिनाक रॉकेट’ को दुश्मन की सेना के मुख्य हिस्से, वायुयान पत्तन
(एयर टर्मिनल) एवं संचार केंद्र उड़ाने हेतु इस्तेमाल करने के उद्देश्य से विकसित
किया गया है, जो भारी फायरिंग क्षमता और लक्ष्य पर वार करने
की अचूक योग्यता से परिपूर्ण रॉकेट मिसाइल है.
पिनाक की विशेषता
पिनाक की विशेषता
·
पिनाक रॉकेट को वेपन एरिया सिस्टम
के नाम से भी जाना जाता है. पिनाक मार्क-2 रॉकेट के
अत्याधुनिक संस्करण की मारक क्षमता 40-60 किलोमीटर के बीच
है.
·
छह लांचरों की बैटरी के साथ, पिनाक प्रणाली 44 सेकंड में 12 रॉकेट दागने में सक्षम हैं. यह दुश्मन सेना की ठोस वस्तुओं और बंकर आदि को
नष्ट करने की क्षमता रखता है.
·
पिनाक रॉकेट 3.9 वर्ग कि.मी. के लक्ष्य क्षेत्र को नष्ट कर सकती है.
0 comments:
Post a Comment