केंद्र सरकार ने
पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यक
समुदायों के सदस्यों को पांच वर्ष का वीजा देने की घोषणा 16 दिसंबर
2014 को की. सरकार ने यह घोषणा उनकी शिकायतों और भविष्य में
नागरिकता के अनुरूप प्रयासों को संबोधित करने के लिए किया है. इससे पहले उन्हें एक
वर्ष का वीजा दिया जाता था.
मुख्य
बातें
• पांच वर्षों के लिए दीर्धकालिक वीजा आरंभ में राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के विशेष सिफारिश पर गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा.
• सरकार संबंधित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) और विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ) को भी अधिकार प्रदान करेगी ताकि वे पड़ोसी देश के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जिन्होंने दीर्धकालिक वीजा का आवेदन कर रखा है, के अल्प– कालिक वीजा को छह महीनों के लिए बढ़ा सकें. इससे पहले, उनके पास वीजा को सिर्फ तीन माह तक बढ़ाने का अधिकार था.
• इसके अलावा, ऐसे आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए, एफआरआरओ एवं एफआरओ के लिए एक महीने की और राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के पास 21 दिनों की समय– सीमा भी तय की गई है.
• ये दीर्घकालिक वीजा पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को भारत में रहने और यहां के स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों, तकनीकी एवं पेशेवर संस्थानों में प्रवेश लेने की अनुमति देगा.
• साथ ही उन्हें राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से प्रवेश के लिए किसी प्रकार की विशेष इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी. इस संबंध में संबंधित एफएफआरओ और एफआरओ को सिर्फ सूचना दी जाएगी.
• पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक व्यक्ति जो भारत में दीर्घकालिक वीजा पर रह रहे हैं वे निजी प्रकृति के रोजगार कर सकते हैं, राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को ऐसी अनुमति प्रदान करने की शक्ति प्रदान की गई है.
• पांच वर्षों के लिए दीर्धकालिक वीजा आरंभ में राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के विशेष सिफारिश पर गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया जाएगा.
• सरकार संबंधित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) और विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ) को भी अधिकार प्रदान करेगी ताकि वे पड़ोसी देश के अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जिन्होंने दीर्धकालिक वीजा का आवेदन कर रखा है, के अल्प– कालिक वीजा को छह महीनों के लिए बढ़ा सकें. इससे पहले, उनके पास वीजा को सिर्फ तीन माह तक बढ़ाने का अधिकार था.
• इसके अलावा, ऐसे आवेदनों की प्रोसेसिंग के लिए, एफआरआरओ एवं एफआरओ के लिए एक महीने की और राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन के पास 21 दिनों की समय– सीमा भी तय की गई है.
• ये दीर्घकालिक वीजा पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक समुदायों के बच्चों को भारत में रहने और यहां के स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों, तकनीकी एवं पेशेवर संस्थानों में प्रवेश लेने की अनुमति देगा.
• साथ ही उन्हें राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन से प्रवेश के लिए किसी प्रकार की विशेष इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी. इस संबंध में संबंधित एफएफआरओ और एफआरओ को सिर्फ सूचना दी जाएगी.
• पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक व्यक्ति जो भारत में दीर्घकालिक वीजा पर रह रहे हैं वे निजी प्रकृति के रोजगार कर सकते हैं, राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को ऐसी अनुमति प्रदान करने की शक्ति प्रदान की गई है.
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