एस्सार समूह और रूस की रोजनेफ्त कंपनी ने 10 अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए-(14-DEC-2014) C.A

| Sunday, December 14, 2014

भारत के एस्सार समूह और रूस के रोजनेफ्त कंपनी ने दस साल से अधिक समय के लिए कच्चे तेल का आयात करने के लिए 10 अरब अमेरिकी डॉलर के अनुबंध पर 11 दिसंबर 2014 को हस्ताक्षर किए. समझौते पर भारत की यात्रा पर आये  राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए. सौदा दस साल की अवधि से भी आगे बढ़ाया जा सकता है.
रोजनेफ्त के अध्यक्ष: इगोर इवानोविच सचिन 
एस्सार के अध्यक्ष: शशि रुइया


रोजनेफ्त प्रति वर्ष भारत को 10 मिलियन टन का आयात करेगा. यह समझौता वर्ष 2015 से अस्तित्व में आएगा. भारत का सबसे बड़ा सौदा रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा 15 साल का करार है जो वेनेजुएला से 300000 बैरल कच्चा तेल प्रतिदिन से 40000 बैरल कच्चा तेल प्रतिदिन की खरीद करने के लिए है. एस्सार समूह का 200000 बैरल कच्चा तेल प्रति दिन (10 मिलियन टन प्रति वर्ष) की खरीद का सौदा दूसरा सबसे बड़ा अनुबंध है.

रोजनेफ्त से संबंधित मुख्य तथ्य 
राज्य तेल उत्पादन और शोधन उद्यम रोजनेफ्त कंपनी को अप्रैल 1993 में स्थापित किया गया था.
रोजनेफ्त दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली पेट्रोलियम कंपनी है. यह रूस और विदेशों में हाइड्रोकार्बन के अन्वेषण और उत्पादन, अपस्ट्रीम अपतटीय परियोजनाओं, हाइड्रोकार्बन शोधन, और कच्चे तेल, गैस और उत्पाद विपणन जैसी गतिविधियों में सलंग्न हैं.

टिप्पणी 
समझौते से रूस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग के पैमाने पर काफी असर पड़ेगा. यह समझौता बुनियादी आपूर्ति विविधीकरण के एक महत्वपूर्ण तत्व का प्रतिनिधित्व करता है और भारत के लिए ऊर्जा सुनिश्चित करेगा .बदले में इस समझौते से रूस को विकास क्षमता के साथ एक नए क्षेत्र के लिए उत्पादन और आपूर्ति की मात्रा नियोजन की संभावना मिल जाएगी.

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