यूरोपीय अंतरिक्ष मिशन रोसेटा विज्ञान पत्रिका द्वारा वर्ष 2014 की मुख्य घटना के रूप में नामित-(27-DEC-2014) C.A

| Saturday, December 27, 2014
अंतरिक्ष विज्ञान के इतिहास में 12 नवंबर को एक खास तारीख के तौर पर याद किया जाएगा.उस दिन रोबॉटिक अंतरिक्ष यान रोसेटा का लैंडर मॉड्यूल 'फिलाय' किसी धूमकेतु पर पहली बार लैंडिंग करने में कामयाब हो गया. इस लैंडर को रोसेटा यान के जरिए धूमकेतु पर उतारा गया है.

धूमकेतु दरसअल उन पदार्थों से बना है, जिनसे हमारा सोलर सिस्टम बना है. इसका अध्ययन करके धरती की उत्पत्ति के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सकेगी.धूमकेतु पर मौजूद करीब 4 अरब साल प्राचीन फिजिकल डेटा के अध्ययन से कुछ आधारभूत जानकारी मिलने की संभावना है. 

रोसेटा  मिशन के बारे में
यह मिशन  मार्च 2004 में फ्रेंच गयाना के कोरू से शुरू किया गया था.

यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने रोसेटो का निर्माण धूमकेतु  67पी/चुरयोमोव-गेरासिमेनको  (67P/Churyumov–Gerasimenko) का अध्ययन करने के लिए बनाया था . यह मिशन अगस्त 2014 में धूमकेतु 67पी/चुरयोमोव-गेरासिमेनको पर पहुँच गया.

सौ किलोग्राम वजन वाले फिल लैंडर ने धूमकेतु 67पी/चुरयोमोव-गेरासिमेन से सिग्नल भेजे हैं.रोसेटा स्पेसक्राफ्ट इस धूमकेतु के 10 किलोमीटर की दूरी से चक्कर लगा रहा है और दिसंबर 2015 तक इस धूमकेतु पर रहेगा और अपना कार्य पूरा कर लेगा.

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