गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने 31 अक्टूबर 2014 को भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई
पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी,
की आधारशिला रखी. आधारशिला सरदार पटेल की 139 वीं
जयंती के अवसर पर रखी गयी.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात राज्य के भरूच जिले में साधूबेट द्वीप के
सरदार सरोवर बांध पर जो कि केवडिया कालोनी के निकट है, में स्थापित किया जाएगा.
योजनानुरूप परियोजना में 2979 करोड़
रुपए की लागत आएगी और परियोजना कार्य 46 महीने में पूर्ण कर
लिया जाना है. गुजरात सरकार द्वारा 27 अक्टूबर 2014 को इस निर्माण को पूर्ण करने की जिम्मेदारी प्रमुख इंजीनियरिंग कंपनी
लार्सन एंड टूब्रो को सौंपी गयी.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में
पूर्ण रूप से निर्मित प्रतिमा 182 मीटर
लंबी होगी और इस परियोजना हेतु 2979 करोड़ रुपए दिए गए,
जिसमें इसकी मुख्य संरचना को 1345 करोड़ रुपए
की लागत से पूर्ण किया जाएगा. कुल 235 करोड़ रुपए प्रदर्शनी
हॉल और कन्वेंशन सेंटर के निर्माण पर, 83 करोड़ रुपए
मुख्य भूमि को स्मारक से जोड़ने हेतु पुल निर्माण पर एवं 657 करोड़ रुपए इसके पूरा होने के बाद अगले 15 वर्षों के
लिए संरचना को यथावत बनाए रखने के हेतु खर्च किया जाना है.
कुल 75000 घन मीटर कंक्रीट, 5700 मीट्रिक टन इस्पात संरचना, 18500 स्टील की छड और 22500
मीट्रिक टन पीतल का उपयोग इस परियोजना को पूर्ण करने में किया
जाएगा. परियोजना में सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन प्रदर्षन की प्रस्तुती हेतु एक
प्रदर्शनी हॉल और एक ऑडियो विजुअल प्रस्तुति गृह भी शामिल हैं.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी न्यूयॉर्क (अमेरिकी) की स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से दोगुना आकार वाला होगा और यह वर्षों तक भारत के भावी पीढि़यों को
प्रेरित करेगा.
पृष्ठभूमि
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी - भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस परियोजना की शुरुआत गुजरात
में मुख्यमंत्री रहते हुए नरेन्द्र मोदी ने सरदार पटेल की जयंती 31 अक्टूबर, 2013 को की थी.
परियोजना के विकास हेतु मोदी ने लोहा एकत्रीकरण के लिए एक देशव्यापी
अभियान शुरू किया था जिससे स्टैचू ऑफ यूनिटी का निर्माण किया जा सके और गुजरात
सरकार के अनुसार, लोहे को देश के लगभग सात लाख गांवों से
एकत्र किया गया था.
टिप्पणी
भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की स्मृति में
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण से जिले के आदिवासी क्षेत्र में रोजगार पैदा करने
में मदद मिलेगी तथा निकटवर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.
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