रोसेटा मिशन का अंतरिक्ष 'फिलाय यान, 67P धूमकेतु पर उतरा-(22-NOV-2014) C.A

| Saturday, November 22, 2014
रोबॉटिक अंतरिक्ष यान रोसेटा का लैंडर मॉड्यूल 'फिलाय' 67P धूमकेतु  पर पहली बार 12 नवम्बर 2014 को लैंडिंग करने में कामयाब हो गया. 10 वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद यूरोपियन स्पेस एजेंसी के रोसेटा मिशन ने इतिहास रच दिया. यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने रोसेटो का निर्माण धूमकेतु (67P/Churyumov–Gerasimenko) का अध्ययन करने के लिए बनाया था.
ईस्टर्न स्टैँडर्ड टाइम के मुताबिक, बुधवार 12 नवम्बर 2014 को सुबह साढ़े 10 बजे के करीब फिलाय ने धूमकेतु पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की. इसको फ्रेंच गुयाना  से 2 मार्च 2014 को छोड़ा गया था. इसका नाम अगिलिका दीप के सम्मान में अगिलिका रखा  गया है. 67P धूमकेतु पर उतरने से पहले इसको कम से कम 6.4 अरब किलोमीटर सौर्य मंडल की यात्रा करनी पड़ी. यह लैंडिंग धरती से करीब 30 करोड़ मील यानी करीब 48 करोड़ किमी दूर हुई. रोसेटा मिशन को पूरा करने में करीब 10 हजार 700 करोड़ रुपए का खर्च आया. यह 135000 किमी/घंटा की रफ़्तार से 6 अगस्त 2014 को  बर्फीली एवं ठंडी सतह पर पहुंचा. इसका उद्देशय  रहस्यों का पता लगाना  है.
 
धूमकेतु पर लैंडिंग के बाद फिलाय ने तस्वीरें भेजनी शुरू कर दी हैं. धूमकेतु दरसअल उन पदार्थों से बना है, जिनसे हमारा सोलर सिस्टम बना है. ऐसे में, इसका अध्ययन करके धरती की उत्पत्ति के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मिल सकेगी. धूमकेतु पर मौजूद करीब 4 अरब साल प्राचीन फिजिकल डेटा के अध्ययन से कुछ आधारभूत जानकारी मिलने की संभावना है. रोसेटा स्पेसक्राफ्ट अगले वर्ष तक इस धूमकेतु पर रहेगा.



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