आईईपी ने वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2014 जारी किया-(21-NOV-2014) C.A

| Friday, November 21, 2014
इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) ने 18 नवंबर 2014 को ग्लोबल टेरोरिज्म इंडेक्स 2014 (वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2014) जारी की. सूचकांक 2014 ने 162 देशों की रैंक पेश की है और आतंकवाद एवं उसके प्रभाव की तथ्यात्मक सूचना मुहैया कराई. रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2013 में आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की संख्या में 61 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ आतंकवाद वैश्विक घटना बन चुका है.
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2014 की मुख्य बातें
•    वर्ष 2013 में विश्व में आतंकवादी हमलों की संख्या नाटकीय ढंग से बढ़ी और सभी प्रकार के  आतंकवाद का 82 फीसदी सिर्फ पांच देशोंइराक, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नाइजीरिया और सीरिया में उत्पन्न हुआ. 
•    वर्ष 2013 में आतंकवादी हमलों में कुल 17958 लोग मारे गए जो कि पिछले वर्ष की तुलना में 61 फीसदी अधिक है. 
•    सभी प्रकार के आतंकवादी हमलों का 90 फीसदी से भी अधिक उन देशों में हुआ जहां सकल मानवाधिकार का उल्लंघन दर्ज किया गया. 
•    वर्ष 2013 में आंतकवादी हमलों की तुलना में मानव हत्या द्वारा 40 गुना अधिक लोगों की हत्या की गई. 
•    वर्ष 2013 में करीब 10000 आतंकवादी हमले दर्ज किए गए जो कि आतंकवादी घटनाओं में 44 फीसदी की बढ़ोतरी का संकेत देते हैं. 
•    वर्ष 2013 में 24 देशों में 50 से अधिक मौतें हुईं जो कि वर्ष 2012 की 15 देशों की तुलना में 60 फीसदी अधिक है. 
•    वर्ष 2013 में आतंकवाद के चार संगठनों का वर्चस्व थाआईएसआईएल, बोको हरम, अल कायदा और तालिबान, ये चारों मिलकर 66 फीसदी मौतों के जिम्मेदार हैं. 
•    आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित देश इराक रहा. इराक में आतंकवाद से मरने वाले लोगों की संख्या में 164 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है यह 6362 के आंकड़े पर पहुंच गया जो कि सूचकांक में सबसे अधिक बढ़ोतरी है. 
•    ऐसे कमसेकम 13 देशों की पहचान की गई है जिन्हें आने वाले वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों का जोखिम उठाना पड़ेगा. 
•    वर्ष 2013 में, ओईसीडी के आठ देश जहां आतंकवाद की वजह से मौतें हुईं, वे हैंतुर्की, मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंग्डम, ग्रीस, इस्राइल, चेक रिपब्लिक और चिली.
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक के बारे में
पहला वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (जीटीआई) वर्ष 2012 में इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) ने जारी किया था. जीटीआई देशों को आतंकवादी गतिविधियों के प्रभाव के आधार पर रैंक देता है औऱ साथ ही आतंकवाद से जुड़े आर्थिक एवं सामाजिक आयामों का विश्लेषण भी करता है. जीटीआई वर्ष 2014 पहला व्यवस्थित रैंक है औऱ इसमें आतंकवाद के प्रभाव के मुताबिक 162 देशों की तुलना की गई.



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