ईसाईयों के सर्वोच्च धर्म गुरु पोप फ्रांसिस ने दो पूर्व भारतीय ईसाई
धर्म गुरुओं, केरल के ‘एफ
कुरियाकोस एलियास चवारा’ और ‘सिस्टर
यूफ्रेसिया’ को वेटिकन में 23 नवंबर 2014
को संत घोषित किया. एफ कुरियाकोस एलियास चवारा और सिस्टर यूफ्रेसिया
केरल के साइरो मालाबार कैथलिक चर्च से संबंधित थे. दोनों के 'कैननाइजेशन', जो कैथलिक प्रक्रिया में अंतिम चरण के
तौर पर जाना जाता है के साथ सदियों पुराने साइरो मालाबार कैथलिक चर्च से अब तक कुल
तीन संत हो गए. इससे पहले सिस्टर अलफोंसा को वर्ष 2008 में
संत घोषित किया गया था.
विदित हो कि पोप फ्रांसिस ने वेटिकन के सेंट पीटर्स स्कवायर में
सुधारवादी कैथोलिक पादरी चावरा और नन यूफ्रेसिया के साथ चार अन्य इतालवी ईसाई धर्म
गुरुओं को भी संत घोषित किया. इटली के चार संतों में जियोवान्नी एंटानियो फरीना, लुदोविको दा कसोरिया, निकोला दा लोंगोबार्दी और
अमातो रोनकोनी शामिल हैं.
सिस्टर यूफ्रेसिया से संबंधित मुख्य तथ्य
सिस्टर यूफ्रेसिया का जन्म त्रिशूर (केरल) के अर्नाट्टुकारा में वर्ष 1877 में और उनका निधन वर्ष 1951 में हुआ था. उन्होंने त्रिशूर में रहकर प्रार्थना और बुद्विमतापूर्ण परामर्श के जरिए लोगों की मदद की.
सिस्टर यूफ्रेसिया का जन्म त्रिशूर (केरल) के अर्नाट्टुकारा में वर्ष 1877 में और उनका निधन वर्ष 1951 में हुआ था. उन्होंने त्रिशूर में रहकर प्रार्थना और बुद्विमतापूर्ण परामर्श के जरिए लोगों की मदद की.
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