पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने पटना में 27 नवंबर 2014 को बिहार के राज्यपाल पद की शपथ ग्रहण
की. राजभवन में उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोषित ने त्रिपाठी को पद
एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के पास
अब बिहार के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार रहेगा. वह डॉ डी वाई पाटिल का स्थान
लेंगे जिनका कार्यकाल 26 नवंबर 2014 को
समाप्त हो गया. केशरी नाथ त्रिपाठी को जुलाई 2014 में पश्चिम
बंगाल का 22वां राज्यपाल नियुक्त किया गया था.
त्रिपाठी के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, विधानसभा में
विपक्ष के नेता नंद किशोर यादव और विधान परिषद में विपक्ष के नेता सुशील कुमार
मोदी, कई मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. यह व्यवस्था
बिहार के लिए पूर्णकालिक राज्यपाल की नियुक्ति तक जारी रहेगी.
विदित हो कि राज्यपाल की नियुक्ति, भारत के
संविधान के ‘अनुच्छेद 158’ के तहत
राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. राज्यपाल का कार्यकाल 5 वर्ष
होता है. राज्यपाल भारत के राज्यों के सांवैधानिक प्रमुख होते हैं. ये अपने राज्य
के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते हैं. इनकी स्थिति राज्य में वहीं
होती है, जो केन्द्र में राष्ट्रपति की होती है. संविधान के
अनुच्छेद 153 में यह कहा गया है कि एक राज्यपाल एक या एक से
अधिक राज्यों का राज्यपाल हो सकता है.
केशरी नाथ त्रिपाठी के बारे में
संविधान विशेषज्ञ त्रिपाठी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था और उन्होंने वर्ष 1956 से वर्ष 2014 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत की. वह तीन बार- वर्ष 1991, वर्ष 1997 और वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे.
केशरी नाथ त्रिपाठी के बारे में
संविधान विशेषज्ञ त्रिपाठी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था और उन्होंने वर्ष 1956 से वर्ष 2014 तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकालत की. वह तीन बार- वर्ष 1991, वर्ष 1997 और वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे.
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