भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक नील मुखर्जी को ‘कोस्टा बुक अवार्ड’ हेतु 19 नवंबर
2014 को लंदन (ब्रिटेन) में नामित किया गया. कोलकाता में
जन्मे नील मुखर्जी को उनके उपन्यास ‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’
हेतु कोस्टा बुक अवार्ड के लिए नामित किया गया. वर्ष 2014 के बुकर पुरस्कार की दौड़ में भी उनका यह उपन्यास शामिल हो चुका है. इस
पुरस्कार की घोषणा पांच जनवरी 2014 को ब्रिटेन में होगी.
जबकि ‘कोस्टा बुक ऑफ द इयर’ की घोषणा 27
जनवरी 2014 को की जाएगी.
पेंग्विन रैंडम हाउस प्रकाशन (‘द लाइव्स
ऑफ अदर्स’ के प्रकाशक) के अनुसार, मुखर्जी
का यह उपन्यास ‘नॉवेल अवार्ड’ श्रेणी
में नामित हुआ. ‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’ नील
मुखर्जी की दूसरी किताब है. उनका यह उपन्यास प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार 2014
के लिए अंतिम छह में स्थान बनाने में सफल रहा था. लेकिन इस दौड़ में
वह ऑस्ट्रेलियाई उपन्यासकार रिचर्ड फ्लांगान से पिछड़ गए थे.
‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’ से संबंधित मुख्य तथ्य
‘द लाइव्स ऑफ अदर्स’ उपन्यास का प्रकाशन मई 2014
में हुआ. यह उपन्यास वर्ष 1960 के दशक में
कोलकाता के घोष परिवार पर केंद्रित है.
विदित हो कि ‘कोस्टा बुक अवार्ड’ प्रति
वर्ष ब्रिटेन एवं आयरलैंड के लेखकों को पांच विभिन्न श्रेणियों में ‘कोस्टा संस्था’ द्वारा दिया जाता है.
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