अडाणी पावर ने बिजली संयंत्र का बड़ा सौदा करते हुए गौतम थापर के
अवांता समूह की 600 मेगावाट क्षमता की कोरबा वेस्ट पावर
इकाई खरीदने की 24 नवंबर 2014 को घोषणा
की. यह सौदा 4200 करोड़ रुपये से कुछ अधिक का है.
अडाणी समूह ने इससे पहले अगस्त में ऋण में डूबे लैंको इन्फ्रा से
उसका उडुपी संयंत्र खरीदा था. कोयले से चलने वाले 1200 मेगावाट
क्षमता के उडुपी संयंत्र का सौदा 6000 करोड़ रुपये का था.
कोरबा वेस्ट पावर का कोरबा में 600 मेगावाट का कोयले पर
आधारित बिजली संयंत्र है. इसके विस्तार का काम चल रहा है. इस सौदे से अडाणी पावर
निजी क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी बिजली कंपनी बन गई और इसकी स्थापित क्षमता 11,040
मेगावाट हो गई.
अडाणी समूह के बारे में
अडाणी समूह को वर्ष 1988 में स्थापित किया गया था. यह कंपनी संसाधन, रसद, कृषि व्यवसाय और ऊर्जा के क्षेत्रों में व्यवसाय करती है. अडाणी पावर की 9240 मेगावॉट की परिचालन क्षमता है जिसमें गुजरात के मुंद्रा में स्थित 4620 मेगावाट, महाराष्ट्र के त्रोदा में स्थित 3300 मेगावाट और राजस्थान के कवई में स्थित 1320 मेगावाट की क्षमता के संयत्र सम्मिलित हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के त्रोदा में 660 मेगावाट का संयंत्र शुरु होने वाला है. वर्तमान में गौतम अडाणी अडाणी समूह के चेयरमैन हैं.
अडाणी समूह के बारे में
अडाणी समूह को वर्ष 1988 में स्थापित किया गया था. यह कंपनी संसाधन, रसद, कृषि व्यवसाय और ऊर्जा के क्षेत्रों में व्यवसाय करती है. अडाणी पावर की 9240 मेगावॉट की परिचालन क्षमता है जिसमें गुजरात के मुंद्रा में स्थित 4620 मेगावाट, महाराष्ट्र के त्रोदा में स्थित 3300 मेगावाट और राजस्थान के कवई में स्थित 1320 मेगावाट की क्षमता के संयत्र सम्मिलित हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र के त्रोदा में 660 मेगावाट का संयंत्र शुरु होने वाला है. वर्तमान में गौतम अडाणी अडाणी समूह के चेयरमैन हैं.
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