उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का जी-20 शिखर
सम्मेलन 16 नवंबर 2014 को ऑस्ट्रेलिया
के ब्रिस्बेन में संपन्न हो गया. शिखर सम्मेलन के समापन पर जी-20 देशों के नेताओं ने एक विज्ञप्ति जिसे ‘ब्रिस्बेन
एक्शन प्लान’ (ब्रिस्बेन कार्य योजना) नाम दिया गया, जारी किया.
वैश्विक विकास को बढ़ावा देने, वित्तीय
संस्थानों को मजबूत बनाने और आर्थिक सुधार लाने के लिए इस कार्य योजना (एक्शन
प्लान) में 800 से अधिक प्रावधान शामिल किये गए. अगर इन्हें
लागू किया गया तो वैश्विक विकास में 2.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी
दर्ज की जा सकती है.
ब्रिस्बेन एक्शन प्लान की मुख्य विशेषताएं
विकास
• वैश्विक वित्तीय संकट से उबने के बाद जी-20 समूह मजबूत, सतत आर्थिक विकास के लिए ठोस एवं समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर सहमत हुए.
• वर्ष 2018 तक जी-20 देशों ने विकास के लिए 2 प्रतिशत से अधिक के महत्वाकांक्षी विकास और लाखों अतिरिक्त रोजगार का लक्ष्य निर्धारित किया.
• इन देशों ने निवेश, प्रतियोगिता, व्यापार और रोजगार के साथ– साथ व्यापक आर्थिक नीति जैसे बड़े क्षेत्रों को लक्षित किया. इन विचारों पर प्रत्येक सदस्य देश ने व्यापक विकास रणनीति विकसित की.
• सरकार द्वारा वित्त पोषित वैश्विक संरचनात्मक केंद्र की स्थापना सिडनी (आस्ट्रेलिया) में की जाएगी.
वैश्विक आर्थिक स्थिति
• वैश्विक आर्थिक स्थिति खासतौर पर अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में सुधरी है, लेकिन यूरोप और जापान अभी भी संघर्ष कर रहे हैं. वैश्विक आर्थिक स्थिति की समग्र गति असंतोषजनक है.
• सार्वजनिक और निजी ऋण का स्तर अभी भी ऊँचा बना हुआ है और विकास असमान है. ज्यादा नौकरियां भी पैदा नहीं हो रही हैं.
• मौद्रिक नीति में ढील दी गई है, परिणामस्वरुप उधार दर काफी कम हो गया है. लेकिन विश्व की अर्थव्यवस्था अभी भी वित्तीय झटके औऱ भू–राजनीतिक तनाव की चपेट में है, जो कि नीतिगत प्रक्रियाओं के उचित मिश्रण के लिए स्पष्ट योजना होने के महत्व को रेखांकित करती है.
आपसी सहयोग
• जी-20 के देशों ने कोई 1000 अलग– अलग योजनाएं प्रस्तुत की. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के मुताबिक अगर उन योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया जाता है तो वर्ष 2018 तक विकास 2.1 कार्य योजना प्रतिशत हो जाएगा.
• उपरोक्त कार्य योजना मसौदा गैर– जी-20 देशों के जीडीपी को वर्ष 2018 तक 0.5 प्रतिशत से अधिक बढा देंगे. ये कार्य योजना संरचनात्मक निवेश, कटिंग रेड टेप, व्यापार को बढ़ावा देना, विनियमन को व्यवस्थित करने, प्रतिस्पर्धा को बढाने और रोजगार सृजन पर फोकस कर रहे हैं.
रोजगार
• दुनिया भर में 200 मिलियन से अधिक लोग बेरोजगार हैं. उनमें से 75 मिलियन युवा हैं.
• जी-20 के पास रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्र विशेष योजनाएं हैं, इसके अलावा विकास रणनीतियां हैं जो अधिक से अधिक महिलाओं को कार्यबल में शामिल कर सकती हैं.
• जी-20 सदस्य देशों में वर्ष 2025 तक पुरुषों और महिलाओँ के बीच कार्य बल भागीदारी दर में श्रम की खाई को 25 कार्य योजना तक कम करना चाहता है.
• इससे 100 मिलियन से अधिक महिलाओं को श्रम बल में शामिल किया जाएगा, जिससे वैश्विक विकास में वृद्धि होगी और गरीबी एवं असमानता कम होगी.
• युवाओँ के लिए जी-20 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास में बढ़ोतरी के हेतु सतत प्रयास करेंगे.
विकास
• वैश्विक वित्तीय संकट से उबने के बाद जी-20 समूह मजबूत, सतत आर्थिक विकास के लिए ठोस एवं समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर सहमत हुए.
• वर्ष 2018 तक जी-20 देशों ने विकास के लिए 2 प्रतिशत से अधिक के महत्वाकांक्षी विकास और लाखों अतिरिक्त रोजगार का लक्ष्य निर्धारित किया.
• इन देशों ने निवेश, प्रतियोगिता, व्यापार और रोजगार के साथ– साथ व्यापक आर्थिक नीति जैसे बड़े क्षेत्रों को लक्षित किया. इन विचारों पर प्रत्येक सदस्य देश ने व्यापक विकास रणनीति विकसित की.
• सरकार द्वारा वित्त पोषित वैश्विक संरचनात्मक केंद्र की स्थापना सिडनी (आस्ट्रेलिया) में की जाएगी.
वैश्विक आर्थिक स्थिति
• वैश्विक आर्थिक स्थिति खासतौर पर अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में सुधरी है, लेकिन यूरोप और जापान अभी भी संघर्ष कर रहे हैं. वैश्विक आर्थिक स्थिति की समग्र गति असंतोषजनक है.
• सार्वजनिक और निजी ऋण का स्तर अभी भी ऊँचा बना हुआ है और विकास असमान है. ज्यादा नौकरियां भी पैदा नहीं हो रही हैं.
• मौद्रिक नीति में ढील दी गई है, परिणामस्वरुप उधार दर काफी कम हो गया है. लेकिन विश्व की अर्थव्यवस्था अभी भी वित्तीय झटके औऱ भू–राजनीतिक तनाव की चपेट में है, जो कि नीतिगत प्रक्रियाओं के उचित मिश्रण के लिए स्पष्ट योजना होने के महत्व को रेखांकित करती है.
आपसी सहयोग
• जी-20 के देशों ने कोई 1000 अलग– अलग योजनाएं प्रस्तुत की. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) के मुताबिक अगर उन योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया जाता है तो वर्ष 2018 तक विकास 2.1 कार्य योजना प्रतिशत हो जाएगा.
• उपरोक्त कार्य योजना मसौदा गैर– जी-20 देशों के जीडीपी को वर्ष 2018 तक 0.5 प्रतिशत से अधिक बढा देंगे. ये कार्य योजना संरचनात्मक निवेश, कटिंग रेड टेप, व्यापार को बढ़ावा देना, विनियमन को व्यवस्थित करने, प्रतिस्पर्धा को बढाने और रोजगार सृजन पर फोकस कर रहे हैं.
रोजगार
• दुनिया भर में 200 मिलियन से अधिक लोग बेरोजगार हैं. उनमें से 75 मिलियन युवा हैं.
• जी-20 के पास रोजगार को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्र विशेष योजनाएं हैं, इसके अलावा विकास रणनीतियां हैं जो अधिक से अधिक महिलाओं को कार्यबल में शामिल कर सकती हैं.
• जी-20 सदस्य देशों में वर्ष 2025 तक पुरुषों और महिलाओँ के बीच कार्य बल भागीदारी दर में श्रम की खाई को 25 कार्य योजना तक कम करना चाहता है.
• इससे 100 मिलियन से अधिक महिलाओं को श्रम बल में शामिल किया जाएगा, जिससे वैश्विक विकास में वृद्धि होगी और गरीबी एवं असमानता कम होगी.
• युवाओँ के लिए जी-20 गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास में बढ़ोतरी के हेतु सतत प्रयास करेंगे.
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