हाल ही में जॉन लैंग खबरों में रहे. जॉन लैंग वह व्यक्ति थे जिसने
वर्ष 1854 में रानी लक्ष्मीबाई की तरफ से ईस्ट
इंडिया कंपनी (ईआईसी) के खिलाफ याचिका दायर की थी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18
नवंबर 2014 को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री
टोनी एबोट को वर्ष 1854 में रानी लक्ष्मीबाई की तरफ से ईस्ट
इंडिया कंपनी (ईआईसी) के खिलाफ दायर की गई याचिका को उपहार में दिया.
यह याचिका प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान
कैनबरा में एबोट को उपहार स्वरूप दिया गया. राजीव गांधी के वर्ष 1986
मे ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद पिछले 28 वर्षों
में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर जाने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं. लैंग वर्ष 1854
में रानी लक्ष्मीबाई के वकील थे. उन्होंने कंपनी के खिलाफ कानूनी
लड़ाई में रानी लक्ष्मीबाई का प्रतिनिधित्व किया था.
जॉन लैंग के बारे में
• जॉन लैंग एक ऑस्ट्रेलियाई वकील थे और आमतौर पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया का पहला देशी उपन्यासकार माना जाता था.
• उनका जन्म वर्ष 1816 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुआ था.
• वह एक वकील, यात्री और पत्रकार थे.
• वह वर्ष 1842 में भारत आये और फिर भारत में ही बस गए.
• जॉन लैंग ने वर्ष 1845 में द मोफूसिलिट (The Moffusilite) नाम का अखबार शुरु किया, शुरुआत में इसका प्रकाशन मेरठ से हुआ और फिर मसूरी से यह प्रकाशित किया जाने लगा. इस अखबार में ईस्ट इंडिया कंपनी की घातक नीतियों की आलोचना प्रकाशित होती थी जिसकी वजह से कंपनी ने उन्हें कुछ दिनों तक जेल में भी बंद कर दिया था.
• लैंग का निधन भारत के पहाड़ी इलाके मसूरी में हुआ था और उन्हें कैमल्स बैक कब्रिस्तान में दफनाया गया.
उनकी लिखी कुछ किताबें हैं–
क) द वेदरबाइस (1853)
ख) टूल क्लेवर बाई हाल्फ (1853)
ग) टू मच अलाइक (1854)
घ) द फोगर्स वाइफ (1855)
ङ) विल ही मैरी हर (1858)
च) माई फ्रेंड्स वाइफ (1859)
छ) द सीक्रेट पॉलिसी (1859)
ज) ट्रू स्टोरीज ऑफ द अर्ली डेज ऑफ ऑस्ट्रेलिया (1859)
• जॉन लैंग एक ऑस्ट्रेलियाई वकील थे और आमतौर पर उन्हें ऑस्ट्रेलिया का पहला देशी उपन्यासकार माना जाता था.
• उनका जन्म वर्ष 1816 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुआ था.
• वह एक वकील, यात्री और पत्रकार थे.
• वह वर्ष 1842 में भारत आये और फिर भारत में ही बस गए.
• जॉन लैंग ने वर्ष 1845 में द मोफूसिलिट (The Moffusilite) नाम का अखबार शुरु किया, शुरुआत में इसका प्रकाशन मेरठ से हुआ और फिर मसूरी से यह प्रकाशित किया जाने लगा. इस अखबार में ईस्ट इंडिया कंपनी की घातक नीतियों की आलोचना प्रकाशित होती थी जिसकी वजह से कंपनी ने उन्हें कुछ दिनों तक जेल में भी बंद कर दिया था.
• लैंग का निधन भारत के पहाड़ी इलाके मसूरी में हुआ था और उन्हें कैमल्स बैक कब्रिस्तान में दफनाया गया.
उनकी लिखी कुछ किताबें हैं–
क) द वेदरबाइस (1853)
ख) टूल क्लेवर बाई हाल्फ (1853)
ग) टू मच अलाइक (1854)
घ) द फोगर्स वाइफ (1855)
ङ) विल ही मैरी हर (1858)
च) माई फ्रेंड्स वाइफ (1859)
छ) द सीक्रेट पॉलिसी (1859)
ज) ट्रू स्टोरीज ऑफ द अर्ली डेज ऑफ ऑस्ट्रेलिया (1859)
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