नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने भारत के विश्वनाथन आनंद को
हराकर विश्व शतरंज चैम्पियनशिप-2014 का ख़िताब 24
नवंबर 2014 को जीता. विश्व शतरंज चैम्पियनशिप-2014
का आयोजन सोच्चि (रूस) में किया गया.
पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को मैग्नस
कार्लसन ने 11वीं बाजी में 6.5-4.5 अंक से हराकर यह खिताब जीता. इस बाजी से पहले तक भारतीय ग्रैंडमास्टर आनंद
पूरे एक अंक से पीछे चल रहे थे. ऐसे में भारतीय खिलाड़ी के पास 11वीं बाजी बचाकर खिताब की दौड़ में बने रहने का आखिरी मौका था, लेकिन काले मोहरों से खेल रहे आनंद को 45 चालों में
शिकस्त का सामना करना पड़ा. पहली पांच बाजियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले आनंद
छठी बाजी में अच्छी स्थिति में होने के बावजूद हार गए. पिछली चार बाजियां ड्रॉ पर
छूटी थीं.
भारतीय शतरंज के जादूगर आनंद ने विश्व कैंडिडेट्स मुकाबला
जीतकर कार्लसन को चुनौती देने का अधिकार हासिल किया था. कार्लसन ने पिछले वर्ष 2013 में चेन्नई में हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप में आनंद को 12 बाजियों में 6.5-3.5 से हराकर पहली बार विश्व खिताब
हासिल किया था. यह दूसरा मौका था जब दो खिलाड़ी लगातार दूसरी बार खिताब के लिए
आमने-सामने थे. इससे पहले वर्ष 1990-91 में गैरी कास्परोव और
अनातोली कारपोव के बीच खिताब के लिए मुकाबला हुआ था.
विश्व शतरंज चैम्पियनशिप-2014 के विजेता मैग्नस कार्लसन को 4.8 करोड़ रुपए प्रदान किए गए जबकि उपविजेता विश्वनाथन आनंद को 3.2 करोड़ रुपए दिए गए.
विश्वनाथन आनंद ने पांच बार वर्ष 2000, 2007, 2008, 2010 और वर्ष 2012 में विश्व शतरंज चैम्पियनशिप का खिताब जीता. जबकि कार्लसन शतरंज के तीनों प्रारूप (क्लासिक, ब्लिट्ज और रैपिड) में मौजूदा चैंपियन हैं.
मैग्नस कार्लसन से सम्बंधित मुख्य तथ्य
विश्व शतरंज चैम्पियनशिप-2014 के विजेता मैग्नस कार्लसन को 4.8 करोड़ रुपए प्रदान किए गए जबकि उपविजेता विश्वनाथन आनंद को 3.2 करोड़ रुपए दिए गए.
विश्वनाथन आनंद ने पांच बार वर्ष 2000, 2007, 2008, 2010 और वर्ष 2012 में विश्व शतरंज चैम्पियनशिप का खिताब जीता. जबकि कार्लसन शतरंज के तीनों प्रारूप (क्लासिक, ब्लिट्ज और रैपिड) में मौजूदा चैंपियन हैं.
मैग्नस कार्लसन से सम्बंधित मुख्य तथ्य
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मैग्नस कार्लसन नॉर्वे का एक शतरंज
खिलाडी हैं.
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मैग्नस कार्लसन का जन्म नार्वे के
टॉन्सबर्ग में 30 नवंबर 1990 को हुआ
था.
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13 वर्ष की उम्र में
ही मैग्नस कार्लसन ने पूर्व विश्व चैम्पियन अनातोली कारपोव को हराकर अप्रैल 2004
में ग्रांडमास्टर की उपाधि प्राप्त की और सबसे कम उम्र के पहले नंबर
के शतरंज खिलाड़ी बने.
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मैग्नस कार्लसन विश्व शतरंज
चैम्पियनशिप जीतने वाले विश्व के सबसे कम उम्र (मात्र 22 वर्ष की आयु में,व 357 दिन) के
खिलाड़ी बने.
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टाइम पत्रिका ने मैग्नस कार्लसन को
वर्ष 2013 में विश्व के 100 प्रभावशाली
लोगों की सूची में शामिल किया.
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मैग्नस कार्लसन ने शतरंज का ऑस्कर
जीता.
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रूसी शतरंज पत्रिका 64 मैग्नस कार्लसन को वर्ष 2009 से लगातार विश्व का
बेहतरीन खिलाड़ी चुन रही है.
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अमेरिका के बॉबी फिशर (वर्ष 1975) के बाद कार्लसन पश्चिमी दुनिया के पहले खिलाड़ी हैं, जिन्होंने शतरंज का विश्व चैंपियनशिप जीता.
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वर्ष 2002 में मैग्नस कार्लसन विश्व शतरंज एसोसिएशन के मास्टर बनें.
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वर्ष 2013 में चेन्नई में हुए विश्व शतरंज चैंपियनशिप में आनंद को हराकर पहली बार
विश्व खिताब हासिल किया था.
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