चीन और ऑस्ट्रेलिया ने मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर 17 नवंबर 2014 को हस्ताक्षर किया. चीन के राष्ट्रपति जी
जिनपिंग और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टॉनी अबोट की उपस्थिति में समझौते पर
हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते के बाद ऑस्ट्रेलिया से चीन के लिए होने वाले निर्य़ात
के 85 फीसदी का सीमा–शुल्क (टैरिफ) मुक्त
होगा और अगले चार वर्षों में इसे बढ़ाकर 93 फीसदी एवं पूरी
तरह लागू होने के बाद 95 फीसदी तक हो जाएगा.
मुक्त व्यापार समझौते में शामिल है–
• यह समझौता ऑस्ट्रेलिया के डेयरी किसानों, वाइन–निर्माताओं और अन्य क्षेत्रों के लोगों को कुछ वर्षों के भीतर चीन के बड़े बाजार का सीमा–शुल्क (टैरिफ) मुफ्त करेगा.
• यह डेयरी उत्पादों, जीवित पशु निर्यात, संसाधनों एवं ऊर्जा उत्पादों पर से सीमा–शुल्क (टैरिफ) हटा देगा.
• दो वर्ष के भीतर सभी संसाधनों और ऊर्जा उत्पादों पर से सीमा–शुल्क (टैरिफ) हटा दिया जाएगा.
• आगामी नौ वर्षों में 12–25 फीसदी की रेंज में सीमा–शुल्क (टैरिफ) घटाने से गाय के मांस और भेड़ के किसानों को इससे फायदा होगा.
• अगले चार से ग्यारह वर्षों में डेयरी उत्पादों पर से सभी सीमा–शुल्क (टैरिफ) को खत्म कर दिया जाएगा.
• लौह अयस्क, सोना, कच्चा पेट्रोलियम तेल और एलएनजी जैसे प्रमुख निर्यात पर कोई सीमा– शुल्क नहीं होगा.
• बागवानी और जीवित पशु निर्यात पर सभी शुल्कों को खत्म कर दिया जाएगा, जबकि शराब निर्माताओं का सीमा शुल्क 14–30 फीसदी कम किया जाएगा.
• ऊन निर्माता मौजूदा कोटा के अतिरिक्त 30000 टन साफ ऊन का निर्यात कर सकेंगे.
• हालांकि, इस दायरे में कपास, गेहूं, चीनी और चावल एवं तिलहन उद्योग नहीं आएंगे.
• यह समझौता ऑस्ट्रेलिया के डेयरी किसानों, वाइन–निर्माताओं और अन्य क्षेत्रों के लोगों को कुछ वर्षों के भीतर चीन के बड़े बाजार का सीमा–शुल्क (टैरिफ) मुफ्त करेगा.
• यह डेयरी उत्पादों, जीवित पशु निर्यात, संसाधनों एवं ऊर्जा उत्पादों पर से सीमा–शुल्क (टैरिफ) हटा देगा.
• दो वर्ष के भीतर सभी संसाधनों और ऊर्जा उत्पादों पर से सीमा–शुल्क (टैरिफ) हटा दिया जाएगा.
• आगामी नौ वर्षों में 12–25 फीसदी की रेंज में सीमा–शुल्क (टैरिफ) घटाने से गाय के मांस और भेड़ के किसानों को इससे फायदा होगा.
• अगले चार से ग्यारह वर्षों में डेयरी उत्पादों पर से सभी सीमा–शुल्क (टैरिफ) को खत्म कर दिया जाएगा.
• लौह अयस्क, सोना, कच्चा पेट्रोलियम तेल और एलएनजी जैसे प्रमुख निर्यात पर कोई सीमा– शुल्क नहीं होगा.
• बागवानी और जीवित पशु निर्यात पर सभी शुल्कों को खत्म कर दिया जाएगा, जबकि शराब निर्माताओं का सीमा शुल्क 14–30 फीसदी कम किया जाएगा.
• ऊन निर्माता मौजूदा कोटा के अतिरिक्त 30000 टन साफ ऊन का निर्यात कर सकेंगे.
• हालांकि, इस दायरे में कपास, गेहूं, चीनी और चावल एवं तिलहन उद्योग नहीं आएंगे.
यह समझौता अरबों डॉलर की कीमत वाले बाजार को खोलेगा और दोनों ही
देशों में नौकरियां पैदा करेगा. इस समझौते के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई किसानों को चीन
के साथ एफटीए का लाभ उठा रहे न्यूजीलैंड, चिली और
आसियान प्रतिस्पर्धियों वाला लाभ मिल सकेगा. इस बीच, चीन
अपनी निवेश परियोजनाओं के लिए बड़े पैमाने पर पहुंच की तलाश कर रहा है. चीन,
ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों के साथ शांतिपूर्ण विकास में सहयोग
करेगा.
0 comments:
Post a Comment