प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिजी के साथ तीन समझौते पर हस्ताक्षर किये-(21-NOV-2014) C.A

| Friday, November 21, 2014
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के लिए भारत और फिजी ने तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इन समझौते पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिजी के प्रधानमंत्री योशिय्याह वी बानिमारामा ने फिजी की राजधानी सुवामें 19 नवंबर 2014 को हस्ताक्षर किए.
हस्ताक्षर किए गए तीन समझौते इस प्रकार हैं 
•    संरचना और राजनयिकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर सूचना का आदानप्रदान एवं सहयोग के लिए समझौता किया गया, जिससे भारत और फिजी के साथ साथ प्रशांत क्षेत्र के बीच करीबी आदान प्रदान को बढ़ावा मिल सके. 
•    संबंधित राजधानियों में राजनयिक मिशनों के लिए भूमि हेतु समझौता किया गया ताकि द्विपक्षीय संबंधों के संचालन के लिए स्थायी स्थान प्रदान किया जा सके.
•    फिजी में रारावाई चीनी मिलों में सहउत्पादन संयंत्र की स्थापना के लिए 70 मिलियन अमेरीकी डॉलर के क्रेडिट लाइन के विस्तार के लिए समझौता किया गया ताकि चीनी के क्षेत्र में मूल्य संवर्धन बढ़ाने एवं जलवायु परिवर्तन की चिंताओं को संबोधित कर द्वीपक्षीय सहयोग के दायरे का विस्तार किया जा सके.
इन तीन समझौतों के अलवा, निम्नलिखित बातों पर भी सहमति हुई 
•    व्यापार एवं निवेश के विस्तार के लिए अवसरों की पहचान और इसके लिए ठोस रोड मैप बनाने पर काम करना. 
•    सैन्य एवं सुरक्षा सहयोग का विस्तार, जिसमें सैन्य प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण शामिल है. 
•    अंतरराष्ट्रीय व्यापार, जलवायु परिवर्तन, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना एवं संयुक्त राष्ट्र सुधार सहित आपसी हितों के अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर एक दूसरे से विचारविमर्श करना. 
•    प्रशांत द्वीप देशों के लोगों के लिए आगमन पर वीजा की सुविधा का विस्तार.
•    छोटे व्यापार एवं ग्रामीण उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड मुहैया कराना. 
•    फिजी के छात्रों के लिए भारत में छात्रवृत्तियों एवं प्रशिक्षण स्लॉट्स को दुगना करना. 

समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फिजीकी संसद को भी संबोधित किया. संसद के संबोधन में उन्होंने कहा कि, भारत फिजी को एक डिजिटल देश बनाने के लिए काम करने को तैयार है. उन्होंने फिजी के प्रधानमंत्री द्वारा ऐसा संविधान गठित करने पर सराहना व्यक्त की जो न सिर्फ स्वतंत्रता और नागरिकों के अधिकार की गारंटी देता है, बल्कि उनकी मूलभूत जरूरतों को भी सुनिश्चित करता है एवं उन्हें सशक्त बनाता है. इन सभी बातों के अलावा, भारतीय प्रधानमंत्री के फिजी पहुंचने पर अलबर्ट पार्क में फिजी के आदिवासी समुदाय ने उनका परंपरागत रुप से स्वागत (आईटाउकी) किया. भारत की आखिरी प्रधानमंत्री जिनका इस प्रकार स्वागत किया गया था वह इंदिरा गांधी थीं. उनका इस प्रकार का स्वागत वर्ष 1981 मे उनकी फिजी दौरे के दौरान किया गया था.
टिप्पणी
फिजी का भारत के साथ ऐतिहासिक संबंध है, क्योंकि फिजी के मूल आबादी में 37 फीसदी भारतीय मूल के लोगों की आबादी है. जिनके पूर्वजों को भारत से वर्ष 1879 से वर्ष 1916 के बीच फिजी में गन्ना बागानों में काम करने के लिए लाया गया था. हालांकि, ऐसी कुछ बातें भी हुईं जिनकी वजह से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए. इन बातों में शामिल है 
•    वर्ष 1987 का सैन्य तख्तापलत, जिसकी वजह से फिजी से भारतीय राजदूत को निष्कासित कर उच्चायोग को बंद कर दिया गया था. 
•    वर्ष 1999 में संबंधों को फिर से बहाल किया गया लेकिन संबंध एक बार खराब तब हो गए जब फिजी के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री महेन्द्र चौधरी को वर्ष  2000 में सैन्य तख्तापलट के दौरान उनके कार्यालय से बाहर निकाल दिया गया. 
लेकिन वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फिजी यात्रा और एडमिरल जे वी बानीमारामा की बतौर फिजी के प्रधानमंत्री पद पर लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए उचित माहौल बनाया है.


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