कम से कम 10 महत्वपूर्ण पक्षी एवं जैवविविधता
क्षेत्र (आईबीए) गंभीर खतरे में है और लुप्त होने की कगार पर खड़े हैं. इस बात का
खुलासा नवंबर 2014 में संरक्षण सोयायटी बॉम्बे नेचुरल
हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस) के अध्ययन से हुआ.
इस अध्ययन के अनुसार कच्छ के प्रख्यात फ्लेमिंगो सिटी, महाराष्ट्र के सोलापुर, अहमदनगर का ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सैंचुरी और मुंबई में सेवारी महुल क्रीक भारत के सबसे अधिक संकट वाले आवास स्थलों में से एक है. एशिया में फ्लेमिंगो सिटी संभवतः प्रवासी पक्षी का एकमात्र प्रजनन भूमि है.
इस अध्ययन के अनुसार कच्छ के प्रख्यात फ्लेमिंगो सिटी, महाराष्ट्र के सोलापुर, अहमदनगर का ग्रेट इंडियन बस्टर्ड सैंचुरी और मुंबई में सेवारी महुल क्रीक भारत के सबसे अधिक संकट वाले आवास स्थलों में से एक है. एशिया में फ्लेमिंगो सिटी संभवतः प्रवासी पक्षी का एकमात्र प्रजनन भूमि है.
द ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभ्यारण्य लुप्तप्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
के लिए घर है. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभ्यारण्य में पक्षियों की संख्या 2006
में 27 थी जो कि 2012 में
कम होकर 12 हो गई और 2013 में इनकी
संख्या सिर्फ तीन रह गई.
वन फैलाव (ट्री कवर) के कमी के कारण अन्य पक्षी निवास जो गंभीर खतरे में हैं–
• सैलाना खारमोर अभयारण्य, रतलाम, मध्यप्रदेश
• अंडमान– निकोबार का तिलांगचोंग
• दीहाइला झील और कारेरा वन्यजीव अभयारण्य, शिवपुरी, मध्य प्रदेश
• बसाई, गुडगांव, हरियाणा
• सरदारपुर फ्लोरीकन अभयारण्य, धार, मध्यप्रदेश
• राणेबेन्नूर, हावेरी, कर्नाटक
अध्ययन से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ऐसे कई आईबीए हैं जो हालांकि इस लिस्ट में तो नहीं हैं लेकिन वे विभिन्न प्रकार के अरक्षणीय मानव हस्तक्षेप के विभिन्न प्रकार की वजह से संकट में हैं.
अध्ययन के मुताबिक संरचनात्मक विकास, गलक जनविरोधी संरक्षण नीतियां, अंधाधुंध पशुधन चराई, औद्योगिक एवं सीवेज प्रदूषण, कीटनाशकों के प्रयोग सहित बेतहाशा कृषि विस्तार, तेजी से बढ़ता शहरीकरण और अवैध शिकार की वजह से होने वाला यह विनाश जैव विविधता और प्राकृतिक आवासों की क्षति के कुछ प्रमुख कारण हैं.
वन फैलाव (ट्री कवर) के कमी के कारण अन्य पक्षी निवास जो गंभीर खतरे में हैं–
• सैलाना खारमोर अभयारण्य, रतलाम, मध्यप्रदेश
• अंडमान– निकोबार का तिलांगचोंग
• दीहाइला झील और कारेरा वन्यजीव अभयारण्य, शिवपुरी, मध्य प्रदेश
• बसाई, गुडगांव, हरियाणा
• सरदारपुर फ्लोरीकन अभयारण्य, धार, मध्यप्रदेश
• राणेबेन्नूर, हावेरी, कर्नाटक
अध्ययन से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ऐसे कई आईबीए हैं जो हालांकि इस लिस्ट में तो नहीं हैं लेकिन वे विभिन्न प्रकार के अरक्षणीय मानव हस्तक्षेप के विभिन्न प्रकार की वजह से संकट में हैं.
अध्ययन के मुताबिक संरचनात्मक विकास, गलक जनविरोधी संरक्षण नीतियां, अंधाधुंध पशुधन चराई, औद्योगिक एवं सीवेज प्रदूषण, कीटनाशकों के प्रयोग सहित बेतहाशा कृषि विस्तार, तेजी से बढ़ता शहरीकरण और अवैध शिकार की वजह से होने वाला यह विनाश जैव विविधता और प्राकृतिक आवासों की क्षति के कुछ प्रमुख कारण हैं.
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