देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 12 नवम्बर 2014 को महाराष्ट्र विधान सभा में ध्वनिमत से
विश्वासमत हासिल किया. महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे ने
महाराष्ट्र सरकार के सदन में ध्वनिमत से बहुमत सिद्ध करने के निर्णय को स्वीकार कर
लिया.
महाराष्ट्र विधान सभा के अध्यक्ष हरीभाऊ बागडे ने कहा कि जब किसी ने
मतदान की मांग नहीं की तब ध्वनिमत से सरकार का बहुमत मान लिया गया. सदन में
विश्वास मत का प्रस्ताव भाजपा के नेता आशीष शेलार ने रखा.
इससे पहले शिव सेना और कांग्रेस द्वारा अपने उम्मीदवारों के नामांकन वापस ले लिए जाने के कारण भाजपा के हरीभाऊ बागडे महाराष्ट्र विधान सभा के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सदन में शिवसेना के एकनाथ शिंदे विपक्ष के नेता होगे.
कुल 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 122 सीटें प्राप्त की. विपक्षी दलों जिसमें कांग्रेस एवं शिव सेना शामिल हैं ने विश्वास मत की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसका कड़ा विरोध किया और राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की.
विश्वास मत हासिल करने के लिए विपक्षियों ने मत विभाजन की प्रक्रिया की मांग की. मत विभाजन की प्रक्रिया के अनुसार विधायक बटन दबाकर अपनी पसंद की अभिव्यक्ति करते हैं जिसकी बाद में गणनां की जाती है.
इससे पहले शिव सेना और कांग्रेस द्वारा अपने उम्मीदवारों के नामांकन वापस ले लिए जाने के कारण भाजपा के हरीभाऊ बागडे महाराष्ट्र विधान सभा के निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सदन में शिवसेना के एकनाथ शिंदे विपक्ष के नेता होगे.
कुल 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 122 सीटें प्राप्त की. विपक्षी दलों जिसमें कांग्रेस एवं शिव सेना शामिल हैं ने विश्वास मत की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए इसका कड़ा विरोध किया और राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की.
विश्वास मत हासिल करने के लिए विपक्षियों ने मत विभाजन की प्रक्रिया की मांग की. मत विभाजन की प्रक्रिया के अनुसार विधायक बटन दबाकर अपनी पसंद की अभिव्यक्ति करते हैं जिसकी बाद में गणनां की जाती है.
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