83वां इंटरपोल महासभा मोनाको में आयोजित-(20-NOV-2014) C.A

| Thursday, November 20, 2014
83वां इंटरपोल महासभा का आयोजन 3 नवंबर से 7 नवंबर 2014 के बीच मोनाको के ग्रीमाल्डी फोरम में किया गया. इसका थीम टर्न बैक क्राइमः 100 ईयर्स ऑफ इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन था. महासभा की शुरुआत मंत्रिस्तरीय बैठक से हुई जिसमें करीब 100 देशों के न्याय, सुरक्षा और गृह मंत्रालय के मंत्रियों ने भाग लिया.
महासभा में लोगों ने थीम पर विचार विमर्श किया और एक संयुक्त मंत्रिस्तरीय वकत्व जारी किया जिसमें सभी सदस्य देशों को आतंकवाद पर जोर के साथ अंतरराष्ट्रीय अपराध के सभी रूपों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने हेतु प्रोत्साहित किया गया. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए इस महासभा में हिस्सा लिया और समकालीन आपराधिक खतरों और पुलिस सहयोग की नई चुनौतियां विषय पर महासभा को संबोधित किया. उन्होंने नवंबर 2014 में सौ वर्ष पूरा करने पर इंटरपोल को बधाई दी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग एवं दुनिया भर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के क्षमता निर्माण मे और अधिक योगदान देने की कामना भी की.
इंटरपोल के बारे में
इंटरपोल का विचार वर्ष 1914 में मोनाको में आयोजित पहले अंतरराष्ट्रीय अपराध पुलिस कांग्रेस के दौरान आया था. इंटरपोलद इंटरनेशनल क्रिमिनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन का आधिकरिक तौर पर गठन वर्ष 1923 में हुआ था. फिलहाल, 190 सदस्य देशों के साथ यह दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय पुलिस संगठन है. इसका काम विश्व को अधिक सुरक्षित स्थान बनाने के लिए विश्व के पुलिस को मिलकर काम करने के लिए सक्षम बनाना है. महासभा सदस्य देशों की सरकारों द्वारा नियुक्त प्रतिनिधियों से बना है. यह इंटरपोल की सर्वोच्च शासी निकाय है जो वर्ष में एक बार मिलती है और सामान्य नीतियों, अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए आवश्यक संसधानों, काम करने के तरीके, वित्त और कार्यक्रम की गतिविधियों को प्रभावित करने वाली सभी फैसले करती है


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