प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवंबर 2014
को फिजी का दौरा किया. उन्होंने प्रशांत द्वीप समूह के नेताओं के
साथ बैठक की और प्रशांत द्वीपों के साथ भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए उपायों की घोषणा
भी की.
वर्ष 1981 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा
गांधी द्वारा प्रशांत देशों का दौरा करने के बाद वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं
जिन्होंने इन देशों की यात्रा की. उन्होंने फिजी के प्रधानमंत्री बानीमरामा से
मुलाकात की. वह फिजी की संसद को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री भी बन
गए.
प्रधानमंत्री द्वारा घोषित उपाय इस प्रकार हैं
• 1 मिलियन अमेरिकी डॉलरों वाला एक विशेष अनुकूलन कोष
• संपूर्ण प्रशांत द्वीप समूह परियोजना
• प्रशांत द्वीप समूह के सभी चौदह देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन पर भारतीय वीजा
• प्रशांत द्वीप देशों के ग्रांट–इन–एड में बढ़ोतरी
• भारत में व्यापार कार्यालय की स्थापना
• आईटीईसी विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति
• विशिष्ट आगंतुक कार्यक्रम
• अंतरिक्ष सहयोग
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान तीन समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए –
• राजनयिकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की संरचना औऱ पठन सामग्री के आदान– प्रदान पर सहयोग का समझौता ज्ञापन
• संबंधित राजधानियों में राजनयिक मिशनों के लिए भूमि का निर्धारण हेतु समझौता ज्ञापन.
• फिजी में रारावी शुगर मिल में सह–उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 70 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट का विस्तार करने के लिए समझौता ज्ञापन.
• 1 मिलियन अमेरिकी डॉलरों वाला एक विशेष अनुकूलन कोष
• संपूर्ण प्रशांत द्वीप समूह परियोजना
• प्रशांत द्वीप समूह के सभी चौदह देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन पर भारतीय वीजा
• प्रशांत द्वीप देशों के ग्रांट–इन–एड में बढ़ोतरी
• भारत में व्यापार कार्यालय की स्थापना
• आईटीईसी विशेषज्ञों की प्रतिनियुक्ति
• विशिष्ट आगंतुक कार्यक्रम
• अंतरिक्ष सहयोग
प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान तीन समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर किए गए –
• राजनयिकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम की संरचना औऱ पठन सामग्री के आदान– प्रदान पर सहयोग का समझौता ज्ञापन
• संबंधित राजधानियों में राजनयिक मिशनों के लिए भूमि का निर्धारण हेतु समझौता ज्ञापन.
• फिजी में रारावी शुगर मिल में सह–उत्पादन संयंत्र स्थापित करने के लिए 70 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट का विस्तार करने के लिए समझौता ज्ञापन.
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