भारत और ब्रिटेन ने द्विपक्षीय अनुसंधान एवं नवाचार रिश्तों को बढ़ाने हेतु न्यूटन–भाभा कोष की घोषणा की-(19-NOV-2014) C.A

| Wednesday, November 19, 2014
भारत और ब्रिटेन ने द्विपक्षीय अनुसंधान एवं नवाचार रिश्तों को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए न्यूटनभाभा कोष की घोषणा 12 नवंबर 2014 को की. इसकी घोषणा केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्ष वर्धन और मिनिस्टर फॉर यूनिवर्सिटीज, साइंस एंड सीटिज ऑफ यूके, ग्रेग क्लार्क एमपी ने चौथे ब्रिटेनभारत विज्ञान एवं नवाचार परिषद (एसआईसी) की बैठक के दौरान की.
न्यूटनभाभा कोष एक मजबूत बहुविषयक आयाम वाला कार्यक्रम है जो ब्रिटेन और भारत के बीच विज्ञान, अनुसंधान औऱ नवाचार सहयोग को बढ़ाएगा. इस फंड में पांच वर्षों के लिए 50 मिलियन पाउंड और भारत का प्रयास होता है.
न्यूटनभाभा कार्यक्रम में शामिल है
•    ब्रिटिश काउंसिल इंडिया और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत संयुक्त पीएचडी छात्र गतिशीलता प्रोग्राम. 
इस कार्यक्रम का उद्देश्य ब्रिटेन और भारत में अगली पीढ़ी के अनुसंधान और एक दूसरे से संपर्क स्थापित करना एवं लंबी अवधि के लिए अनुसंधान एवं विकास और सहयोगों के लिए रास्ता बनाना है. यह ब्रिटेन और भारत के पीएचडी करने वाले छात्रों का प्रायोजक होगा और प्रमुख भारतीय एवं ब्रिटेन के उच्च शिक्षण संस्थानों में उनके अध्ययन की अवधि (तीन से छह माह) पर खर्च करेगा. इसकी शुरुआत मार्च 2015 से होगी. 
•    मेडिकल रिसर्च काउंसिल (एमआरसी) ऑफ ब्रिटेन और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा मानसिक स्वास्थ्य एवं मादक द्व्यों के सेवन के क्षेत्र में नए अनुसंधान परियोजनाओं पर एक संयुक्त पहल. ब्रिटेन दो मिलियन पाउंड मुहैया कराएगा और आईसीएमआर भारतीय घटक को फंड देगा. 
•    महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य के क्षेत्र में वैश्विक अनुसंधान कार्यक्रमइस कार्यक्रम के लिए मेडिकल रिसर्च काउंसिल (एमआरसी), अंतरराष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी), यूके औऱ भारतीय जैवप्रौद्योगिकी विभाग मिल कर वित्त मुहैया कराएंगे. फंड 10 मिलियन पाउंड तक का होगा. 
•    कैंसर बायोलॉजी, तंत्रिका विज्ञान एवं रोगाणुरोधी प्रतिरोध में ट्रांजिशनल रिजनरेटिव मेडिसिन्स में केंद्रीय भागीदारी 
7 मिलियन पाउंड तक का फंड मेडिकल रिसर्च काउंसिल (एमआरसी) ऑफ ब्रिटेन और भारतीय जैवप्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) मिलकर बनाएंगें. 
•    अक्षय ऊर्जा में अनुसंधान के केंद्र 
ये केंद्र आरसीयूके एनर्जी प्रोग्राम और भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) मिलकर वित्त पोषित कर रहे हैं. 
•    इन्नोवेट ब्रिटेन और भारतीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग(डीएसटी) का एक संयुक्त कार्यक्रम जो व्यापारनीत अनुसंधान एवं विकास का समर्थन करेगा औऱ जिसका उद्देश्य व्यापक सामाजिक चुनौतियों से निपटना होगा.


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