मराठी फिल्म 'किल्ला' को 64वें बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में क्रिस्टल बेअर पुरस्कार मिला-(19-FEB-2014) C.A

| Wednesday, February 19, 2014
मराठी फिल्म 'किल्ला' को सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए क्रिस्टल बेअर (ग्लासेर्नन बार) पुरस्कार 17 फरवरी 2014 को दिया गया. यह पुरस्कार 64वें बर्लिन अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में जेनरेशन केप्लस सेक्शन में चिल्ड्रंस जूरी द्वारा प्रदान किया गया. फिल्म 'किल्ला' अविनाश अरुण द्वारा निर्देशित है.

फिल्म को पुरस्कार प्रदान करने का उल्लेख करते हुए जूरी ने कहा कि फिल्म आव्रजन (माइग्रेशन) के सार्वभौमिक द्वंद्व और लोगों, विशेषकर बच्चों के जीवन पर पड़ने वाले उसके प्रभाव का चित्रण करती है और भारत की खोज के लिए प्रेरित करती है. फिल्म 'किल्ला' ने अच्छे कैमरा-वर्क और श्रेष्ठ अभिनेताओं सहित सभी पहलुओं से जूरी को संतुष्ट किया.     

बर्लिनाले के पूरे इतिहास में 'किल्ला' चुनी जाने वाली तीसरी मराठी और यह पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय फिल्म है. 

फिल्म 'किल्ला' का निर्माण मधुकर आर मुसले, अजय जी राय और एलन मैकएलेक्स ने किया.  
इसका निर्माण जार पिक्चर्स के बैनर-तले किया गया और इसका प्रस्तुतीकरण एम आर फिल्मवर्क ने किया. सनडांस फिल्म समारोह 2014 में वर्ल्ड ड्रामेटिक्स कॉम्पिटिशन सेक्शन में चुनी जाने वाली जार पिक्चर्स की एक अन्य फिल्म थी नवाजुद्दीन सिद्दीकी अभिनीत 'लायर्स डाइस'.   
यह फिल्म एनएफडीसी के वर्क इन प्रोग्रेस (डब्ल्यूआईपी) लैब 2013 का एक भाग है.  
• 'विहिर' फेम अमृता सुभाष, अर्चित देवधर, 'व्हूतनाथ रिटर्न्स' के पार्थ भालेराव और श्रीकांत यादव इस फिल्म के कुछ अभिनेता हैं.   

अविनाश इस समय निशिकांत कामत की इरफान खान स्टारर अगली फिल्म के फोटोग्राफी-निर्देशक के रूप में कार्य कर रहे हैं.  

'किल्ला' आव्रजन (माइग्रेशन) के सार्वभौमिक द्वंद्व और लोगों, मुख्यत: बच्चों के जीवन पर पड़ने वाले उसके प्रभाव का चित्रण करती है. फिल्म की कहानी चीनू नामक एक बच्चे के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपने पिता की मौत के बाद नए माहौल में सामंजस्य बिठाने में कठिनाई महसूस करता है.



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