लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने संसद में घटित मिर्च स्प्रे की घटना की
जांच को विशेषाधिकार समिति को 16 फरवरी 2014 को सौंपी.
कांग्रेस नेता पीसी चाको की अध्यक्षता वाली इस 15-सदस्यीय समिति को दंडात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है. दंडात्मक कार्रवाई में अन्य बातों के साथ-साथ जेल और यहाँ तक कि निष्कासन का भी अधिकार है.
संसद में यह घटना 13 फरवरी 2014 को हुई थी, जब लोकसभा में तेलंगाना-बिल प्रस्तुत किए जाने पर हुए हंगामे के बाद पेपर-स्प्रे का इस्तेमाल किया गया, जिससे तीन सांसदों को अस्पताल में भरती होना पड़ा. इसके बाद कांग्रेस-नेता एल राजगोपाल और 16 सीमांध्र सांसद निष्कासित कर दिए गए.
विशेषाधिकार समिति
विशेषाधिकार समिति के कार्यों का स्वरूप अर्ध-न्यायिक है. यह सदन और उसके सदस्यों के विशेषाधिकारों के अतिक्रमण के मामलों की जाँच करती है और उपयुक्त कार्रवाई की सिफारिश करती है.
लोकसभा की विशेषाधिकार समिति में 15 सदस्य और राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति में 10 सदस्य होते हैं.
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