हाजेम अल-बेबलावी ने मिस्र के प्रधानमंत्री पद से 24 फरवरी 2014 को इस्तीफा दे दिया. सरकार का इस्तीफा
मंत्रिमंडल की एक बैठक के बाद सामने आया, जिसमें फील्ड
मार्शल अब्दुल फतह अल-सीसी ने भी भाग लिया. अंतरिम राष्ट्रपति अदली मंसूर ने उनका
इस्तीफा मंजूर कर लिया.
मिस्र की सेना-समर्थित अंतरिम सरकार द्वारा इस्तीफे का फैसला सत्तारूढ़ होने के महज आठ महीने बाद आया और उसने सेना-प्रमुख और देश के रक्षामंत्री जनरल अब्दुल फतह अल-सीसी के राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ कर दिया. सरकार ने इस्तीफा सार्वजनिक क्षेत्र के कामगारों की हड़ताल सहित हड़तालों की एक श्रृंखला के बाद दिया, जिससे देश में कुकिंग गैस की भारी किल्लत हो गई थी.
विदित हो कि मिस्र की सरकार ने जनवरी 2014 में एक संविधान को मंजूरी दी थी, जिसमें कहा गया है कि मध्य-अप्रैल 2014 में चुनाव होना चाहिए.
पृष्ठभूमि
इस्लामवादी राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी द्वारा पदत्याग करने के बाद अल-बेबलावी के नेतृत्व में सेना-समर्थित सरकार ने 16 जुलाई 2014 को शपथ ग्रहण की थी. सुरक्षा बलों द्वारा मुर्सी के इस्लामवादी आंदोलन मुस्लिम ब्रदरहुड पर कड़ी कार्रवाई से एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे और कई बंदी बना लिए गए थे.
मिस्र की सेना-समर्थित अंतरिम सरकार द्वारा इस्तीफे का फैसला सत्तारूढ़ होने के महज आठ महीने बाद आया और उसने सेना-प्रमुख और देश के रक्षामंत्री जनरल अब्दुल फतह अल-सीसी के राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ कर दिया. सरकार ने इस्तीफा सार्वजनिक क्षेत्र के कामगारों की हड़ताल सहित हड़तालों की एक श्रृंखला के बाद दिया, जिससे देश में कुकिंग गैस की भारी किल्लत हो गई थी.
विदित हो कि मिस्र की सरकार ने जनवरी 2014 में एक संविधान को मंजूरी दी थी, जिसमें कहा गया है कि मध्य-अप्रैल 2014 में चुनाव होना चाहिए.
पृष्ठभूमि
इस्लामवादी राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी द्वारा पदत्याग करने के बाद अल-बेबलावी के नेतृत्व में सेना-समर्थित सरकार ने 16 जुलाई 2014 को शपथ ग्रहण की थी. सुरक्षा बलों द्वारा मुर्सी के इस्लामवादी आंदोलन मुस्लिम ब्रदरहुड पर कड़ी कार्रवाई से एक हजार से अधिक लोग मारे गए थे और कई बंदी बना लिए गए थे.
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