अमेरिका के 3000 नागरिकों ने कर-कानूनों को लेकर देश की नागरिकता छोड़ी-(26-FEB-2014) C.A

| Wednesday, February 26, 2014
अमेरिका के 3000 नागरिकों ने वर्ष 2013 में अमेरिका के अंतर्वेधी कर-कानूनों और जटिल कर-फाइलिंग संबंधी कार्रवाई के कारण देश की नागरिकता छोड़ दी. यह वर्ष 2013 में नागरिकता छोड़ने वाले अमेरिकियों की संख्या पिछले पाँच वर्षों के औसत की तीन गुनी है.
  
वर्ष 2008 में कुल 231 अमेरिकियों ने अपनी नागरिकता छोड़ी थी. 2009 में यह संख्या बढ़कर 742 हो गई और 2010 में इसने 1534 का आँकड़ा छू लिया. 2011 में यह संख्या और बढ़कर 1781 हो गई, जबकि 2012 में घटकर 933 रह गई. 

अन्य देशों के विपरीत अमेरिका ने अपने नागरिकों की समस्त आय पर कर लगाना जारी रखा है, चाहे वह कहीं भी कमाई गई हो या वे कहीं भी रह रहे हों. विशेषज्ञों के अनुसार, दो देशों में कर दाखिल करने का मतलब अकसर कागजी कार्रवाई के पहाड़ से जूझना होता है.
  
इसमें कुछ भगदड़ नई प्रकटीकरण-अपेक्षाओं से बचने की आशा रखने वाले अमेरिकियों की भी हो सकती है. कांग्रेस द्वारा 2010 में अनुमोदित नई प्रकटीकरण-अपेक्षाओं का उद्देश्य सरकार को अदत्त करों से प्रतिवर्ष होने वाले अरबों-खरबों डॉलर के नुकसान की कुछ पूर्ति करना है.
 
2010 में नागरिकता-त्याग की पहली लहर 50000 अमेरिकी डॉलर जितने कम मूल्य की विदेशी परिसंपत्तियों की भी सूचना देने की अपेक्षा रखने वाले क़ानून के एक हिस्से के साथ आई. यह एक अन्य प्रावधान के अतिरिक्त था, जो अमेरिकियों को 10000 डॉलर से अधिक की विदेशी धारिताओं का प्रकटीकरण करने के लिए बाध्य करता है.

2012 में नागरिकता-त्याग में कमी आई थी. किंतु क़ानून के दूसरे हिस्से के लागू होने की वजह से नागरिकता-त्याग की घटनाएँ बढ़ने की आशा है. नया प्रावधान वित्तीय संस्थाओं से अमेरिकियों के समस्त विदेशी खाते सूचित करने की अपेक्षा करता है.
 
इस कानून ने कुछ बैंकों को इसका पालन करने के बजाय अमेरिकी ग्राहकों को निकाल बाहर करने के लिए तत्पर किया है. कानून के अनुसार, बैंकों द्वारा अमेरिका में धारित खातों की सूचना देने में गलती करने पर उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है, चाहे वे बेसिक चेकिंग और बचत खाते ही क्यों न हों.



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