भारत में जन्मे वैज्ञानिक मदन बाबू ने वर्ष 2014
का प्रोटीन साइंस यंग इन्वेस्टिगेटर अवार्ड (Protein Science
Young Investigator Award, प्रोटीन विज्ञान युवा अन्वेषक पुरस्कार)
कैंब्रिज, यूके में 20 फरवरी 2014
को जीता. यह पुरस्कार प्रोटीन सोसायटी द्वारा प्रोटीन्स के अध्ययन
में किए गए महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए दिया जाता है.
मदन बाबू को प्रोटीन साइंस यंग इन्वेस्टिगेटर अवार्ड जैविक प्रणालियों में विनियमन, विशेषकर आंतरिक रूप से विकृत प्रोटीन्स और जीन रेग्यूलेशन के क्षेत्रों में, सिद्धांतों को समझने में उनके योगदान के लिए दिया गया. इस पुरस्कार के साथ वह यह पुरस्कार पाने वाले लेबोरेटरी ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के पहले वैज्ञानिक बन गए.
पुरस्कार पाने के समय मदन बाबू एमआरसी लेबोरेटरी ऑफ मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, कैंब्रिज, यूके में रेग्यूलेटरी जीनोमिक्स और सिस्टम्स बायोलॉजी ग्रुप के अध्यक्ष हैं.
प्रोटीन साइंस यंग इन्वेस्टिगेटर अवार्ड
यह पुरस्कार किसी वैज्ञानिक द्वारा अपने स्वतंत्र कैरिअर के प्रारंभिक चरणों में प्रोटीन्स के अध्ययन में महत्त्वपूर्ण योगदान को मान्यता प्रदान करता है. पुरस्कार का नाम प्रोटीन सोसायटी के शैक्षिक जर्नल 'प्रोटीन साइंस' के नाम पर रखा गया है.
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