अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार-2013 से वीवी डोंगरे और प्रो. गुओचेंग झांग सम्मानित-(17-FEB-2014) C.A

| Monday, February 17, 2014
वर्ष 2013 का अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार भारत के डॉ विजयकुमार विनायक डोंगरे (वीवी डोंगरे) और चीन के प्लास्टिक सर्जन प्रो. गुओचेंग झांग को प्रदान किया गया. उन्हें यह पुरस्कार भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में 15 फरवरी  2014 को प्रदान किया.

उन्हें यह पुरस्कार उपचार, प्रशिक्षण और अनुसंधान के माध्यम से कुष्ठ रोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने एवं इस रोग के उन्मूलन के लिए दिया गया.

अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार (International Gandhi Award)
अंतरराष्ट्रीय गांधी पुरस्कार की स्थापना गांधी स्मारक कुष्ठ फाउंडेशन (Gandhi Memorial Leprosy Foundation) ने वर्ष 1950 में की थी. इसका उद्देश्य कुष्ठ रोग के प्रति महात्मा गांधी की सेवा और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को व्यापक बनाना है.

यह पुरस्कार कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता सुधारने में व्यक्तियों और संस्थाओं के सराहनीय योगदान को मान्यता देता है.

यह पुरस्कार प्रति दूसरे वर्ष कुष्ठ रोग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने के लिए व्यक्तियों / संस्थाओं को दिया जाता है.

कुष्ठरोग (Leprosy)
कुष्ठरोग (Leprosy) या हैन्सेन का रोग (Hansen’s Disease) (एचडी) (HD) , चिकित्सक गेरहार्ड आर्मोर हैन्सेन (Gerhard Armauer Hansen) के नाम पर, माइकोबैक्टेरियम लेप्री (Mycobacterium leprae) और माइकोबैक्टेरियम लेप्रोमेटॉसिस (Mycobacterium lepromatosis) जीवाणुओं के कारण होने वाली एक दीर्घकालिक बीमारी है. कुष्ठरोग मुख्यतः ऊपरी श्वसन तंत्र के श्लेष्म और बाह्य नसों की एक ग्रैन्युलोमा-संबंधी (granulomatous) बीमारी है; त्वचा पर घाव इसके प्राथमिक बाह्य संकेत हैं. यदि इसे अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो कुष्ठरोग बढ़ सकता है, जिससे त्वचा, नसों, हाथ-पैरों और आंखों में स्थायी क्षति हो सकती है.

एम. लेप्रोमेटॉसिस (M. lepromatosis) पहचाना गया अपेक्षाकृत नया माइकोबैक्टेरियम है, जिसे 2008 में विकीर्ण लेप्रोमेटस कुष्ठरोग के एक जानलेवा मामले से पृथक किया गया था.



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