केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उड़ि‍या को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया-(22-FEB-2014) C.A

| Saturday, February 22, 2014
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 20 फरवरी 2014 को उड़ि‍या भाषा को शास्त्रीय भाषा के तौर पर वर्गीकृत करने को स्वीकृति प्रदान की.
शास्त्रीय भाषा घोषित की गई भाषाओं के अंतर्गत नि‍म्न लाभ दिए जाते हैं:-
·       संबंधित भाषा में प्रतिष्ठित विद्वानों के लिए प्रतिवर्ष दो बड़े अंतर्राष्ट्रीय सम्मान.
·       शास्त्रीय भाषाओं में अध्ययन के लिए उत्कृष्टषता केंद्र स्थापित किया जा सकता है.
·       विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से निवेदन किया जा सकता है कि कम से कम केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में संबंधित भाषाओं में विशेषज्ञता प्राप्त शोधार्थियों के लिए शास्त्रीय भाषाओं की कुछ निश्चित सीटें शुरू की जाएं.
पृष्ठभूमि
यह मांग की जा रही थी कि उड़ि‍या, जो कि सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और जिसकी हिन्दी, संस्कृत, बंगाली, तेलुगु आदि से कोई समानता नहीं है, को एक शास्त्रीय भाषा घोषित किया जाए. अभी तक संस्कृत, तमिल, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम को शास्त्रीय भाषाओं का दर्जा दिया गया है.

उड़ि‍या
उड़ि‍या इंडो-यूरोपियन कुल की इंडो-आर्यन शाखा से संबंधित एक भारतीय भाषा है. उड़ि‍या प्रमुख रूप से भारत के राज्य ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में बोली जाती है. यह ओडिशा की प्रमुख आधिकारिक तथा झारखण्ड की दूसरी आधिकारिक भाषा है. उड़ि‍या शास्त्रीय भाषा के तौर पर वर्गीकृत की जाने वाली छठी भाषा है, जिसके समेत पांच अन्य भाषायें निम्नलिखित हैं:-
भाषा
शास्त्रीय भाषा के तौर पर वर्गीकृत किये जाने का वर्ष
उड़िया
2014
मलयालम
2013
कन्नड़
2008
तेलूगु
2008
संस्कृत
2005
तमिल
2004


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