संघ विधानमंडल ने 21 फरवरी 2014 को ध्यानाकर्षण संरक्षण विधेयक (ह्विसिलब्लोअर प्रोटेक्शन बिल)
पारित कर दिया. इस विधेयक का उद्देश्य एक ऐसा नियमित प्रणाली प्रदान
करना है जिससे लोक सेवकों और मंत्रियों द्वारा भ्रष्टाचार या सत्ता का जानबूझकर
दुरुपयोग करने के बारे में जानकारी देने वाले व्यक्तियों को प्रोत्साहित किया जा
सके.
ध्यानाकर्षण विधेयक भ्रष्टाचार या सत्ता का जानबूझकर दुरुपयोग करने
वालों के खिलाफ शिकायत करने वाले व्यक्तियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगा.
विधेयक खुलासों की जांच की प्रक्रिया चाहता है और इस प्रणाली के तहत शिकायकत करने
वाले व्यक्तियों को सुरक्षा भी मुहैया कराता है. साथ ही इसमें झूठी शिकायत करने
वालों के खिलाफ सजा का भी प्रावधान किया गया है.
इस विधेयक को लोकसभा ने 2011 में
पारित कर दिया था और राज्य सभा को विचार करने के लिए 2012 में भेजा था. राज्य सभा ने इस विधेयक में दो नए प्रस्ताव जोड़े.
पहला, प्रकटीकरण की
परिभाषा को संशोधित कर उसमें सत्ता का जानबूझ कर दुरुपयोग या अधिकारों का जानबूझ
कर दुरुपयोग जिसकी वजह से सरकार या लोक सेवकों या किसी तीसरे पक्ष को प्रत्यक्ष
नुकसान होता है, को शामिल किया गया है.
दूसरा, जिस अधिकारी के पास
शिकायत करनी है उसकी परिभाषा में भी विस्तार किया गया है.
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