केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम ने अंतरिम केंद्रीय बजट 2014-15 लोक- सभा में 17 फ़रवरी 2014 को
पेश किया. जिसमें वित्तमंत्री ने ‘प्रत्यक्ष-करों’ को अपरिवर्तित रखते हुए ‘अप्रत्यक्ष-करों’ की दरों में परिवर्तन की घोषणा की.
अंतरिम केंद्रीय बजट 2014-15 संघीय सरकार का 83वां एवं वित्तमंत्री के रूप में व्यक्तिगत रूप से पी.चिदम्बरम का 9वां बजट था. जिसमें वित्तमंत्री ने विकास मे भागीदारी एवं सक्षमता को सुनिश्चित करने के लिए रक्षा,रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग, दूरसंचार पर ध्यान केन्द्रित करने पर जोर दिया .
अंतरिम केंद्रीय बजट 2014-15 में ‘अप्रत्यक्ष-कर’ की दरों में परिवर्तन से संबंधित मुख्य तथ्य
• केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम के अध्याय 84 और 85 के अनुसूची-अंतर्गत आने वाले सभी वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क 30 जून 2014 तक की अवधि के लिए 12 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दी गई .
• नकारात्मक वृद्धि दर दर्ज कर रही ऑटोमोबाईल उद्योग को राहत देते हुए उत्पाद शुल्क में कमी किया गया है,जो निम्न है:-
श्रेणी
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उत्पाद शुल्क में प्रतिशत (कमी)
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छोटे कार,मोटरसाइकिल,स्कूटर,व्यवसायिक
वाहन
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12 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत
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एसयूवी
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30 प्रतिशत से घटाकर 24 प्रतिशत
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बड़े एवं माध्यम श्रेणी कार
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क्रमशः 27 प्रतिशत /24 प्रतिशत से घटाकर 24 प्रतिशत /20 प्रतिशत
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• चेसिस एवं ट्रेलरों पर भी उत्पाद शुल्क में उचित कटौती करने का प्रस्ताव है. जिनकी दरों की समीक्षा नियमित बजट के दौरान की जा सकती है.
• मोबाईल हैंडसेटों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए, मोबाईल हैंडसेट की सभी श्रेणियों के लिए उत्पाद शुल्क पुनर्गठित किया गया.जो ‘सैनवैट-क्रेडिट’ के साथ 6 प्रतिशत एवं बिना ‘सैवैट-क्रेडिट’ के 1 प्रतिशत हो जायेगा.
• साबुन एवं तैलीय रसायन के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए गैर खाद्य स्तर के औद्योगिक तेलों तथा उसके भिन्न वसा-अम्ल और वसा युक्त अल्कोहल पर सीमा शुल्क ढाँचे को 7.5% पर युक्तिसंगत किया गया.
• सड़क निर्माण मशीनरी एवं इसी तरह के अन्य आयातित मशीनरी के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए ‘प्रतिकारी-शुल्क’के छूट को वापस लिया गया.
• प्रतिभूति पत्रों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए, बैंक नोट पेपर मिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा आयातित पूंजीगत सामान पर रियायती 5 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया गया.
• चावल के लदान-उतरान,पैकिंग एवं संग्रहण तथा भण्डारण को सेवा कर से मुक्त कर दिया गया.
• ब्लड-बैंकों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को ‘सेवा-कर’ से छूट दी गई.
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