भारतीय नौसेना ने 13 फ़रवरी 2014 को अपना
गहन युद्धाभ्यास के लिए बंगाल की खाड़ी में दोनों पश्चिमी और पूर्वी बेड़े के साथ
अपने सबसे बड़े अभ्यास की शुरुआत की. इस एक महीने तक चलने वाले संयुक्त बेड़े के
अभ्यास को नौसेनाध्यक्ष एडमिरल डी.के. जोशी और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ नौसेना
कमान के वाइस एडमिरल अनिल चोपड़ा द्वारा शुरू किया गया. अभ्यास में भाग लेने
इकाइयों में परमाणु पनडुब्बी चक्र और विमान वाहक विराट शामिल है. मिसाइल अभ्यास के
दौरान बंदूक फायरिंग और टारपीडो शुरू होगा और यह पी -8I समुद्री
टोही विमान, जिसका हाल में ही अधिग्रहण किया गया है
(बुद्धिमान बाज़ आँखें) के उद्दाटन का गवाह होगा. इस एक महीने तक चलने वाले अभ्यास
का सबसे अच्छा हिस्सा पहली बार अगस्त 2013 निगरानी के लिए
समर्पित किये गये सेटेलाईट जीसैट-7 या रुक्मिणी तथा हिंद
महासागर क्षेत्र में एक 2000 समुद्री मील के पदचिह्न हैं.
उपग्रह सर्वेक्षण में सक्षम है और सभी भारतीय युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों का नेटवर्क से इसका संवाद कर सकेगा. यह अभ्यास
के पूरी तरह से दो नेटवर्क बेड़ों की पृष्ठभूमि में एक घने समुद्री वातावरण में
हिंद महासागर क्षेत्र में संपन्न हो जाएगा
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