कॉर्पोरेट मामलों के केंद्रीय मंत्रालय ने 11 फरवरी 2014 को एक अधिसूचना जारी करके निजी कंपनियों
के नाम में ‘नेशनल’ शब्द के इस्तेमाल
पर रोक लगायी. मंत्रालय ने यह कदम नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड के भुगतान संकट और
कई अन्य निजी कंपनियों द्वारा अपने नाम में नेशनल शब्द के इस्तेमाल को देखते हुए
उठाया है.
मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में सभी कंपनी पंजीयकों को निर्देश दिया
कि वे ‘नेशनल’ शब्द का
इस्तेमाल करने की छूट तभी हो जबकि वह सरकारी कंपनी हो यह उसमें केंद्र या राज्य
सरकार की हिस्सेदारी हो.
इसके अतिरिक्त मंत्रालय ने ‘बैंक’, 'स्टॉक एक्सचेंज' और 'एक्सचेंज' जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी संबंधित
उद्योग क्षेत्र को नियमित कर रहे नियामक की आधिकारिक मंजूरी मिलने के बाद ही किये
जायें. इस प्रकार, यदि किसी फर्म को अपने नाम में ‘बैंक’ शब्द का इस्तेमाल करना हो तो उसे भारतीय
रिजर्व बैंक से तथा यदि 'स्टॉक एक्सचेंज' या 'एक्सचेंज' जैसे शब्दों का
इस्तेमाल करना हो तो पूंजी बाजार नियामक सेबी से अनुशंसा प्राप्त करनी होगी.
विदित हो कि नये कंपनी अधिनियम में प्रावधान है कि किसी
मौजूदा नाम की कंपनी के फोनेटिक या स्पेलिंग वेरियेशन या समान ध्वनि वाले शब्दों
के नाम पर किसी नई कंपनी का पंजीकरण नहीं कराया जा सकता है.
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