वाशिंगटन विश्वविद्यालय की अनुसंधान-रिपोर्ट कहती है कि
विश्व की मेगलैनिक पेंग्विनों की सबसे बड़ी कॉलोनी (अर्जेंटीना में शुष्क पुंटा
टोंबो प्रायद्वीप) में पेंग्विन-शिशुओं की मौत का एक कारण जलवायु-परिवर्तन है.
रिपोर्ट को जनवरी 2014 के चौथे सप्ताह में जारी किया गया.
अनुसंधानकर्ताओं को पेंग्विन-शिशुओं से संबंधित अध्ययन में 27 वर्ष लगे और उन्होंने पाया कि पेंग्विन के बच्चे भोजन की कमी के साथ-साथ
मूसलाधार वर्षा-तूफानों और अत्यधिक गर्मी के कारण मर रहे थे. आयु में 25 दिन से छोटे सभी पेंग्विन-शिशु इतने कोमल होते हैं कि तूफान की चपेट में
आकर मर सकते हैं और दूसरी तरफ 1983 से 2010 के बीच तूफानों की संख्या बढ़ी है.
पेंग्विन माता-पिता इतने बड़े होते हैं कि वे अपने शिशुओं को
बचाने के लिए उनके ऊपर बैठ नहीं सकते और बच्चे अभी इतने छोटे होते हैं कि उनके
जलरोधी (वाटरप्रूफ) पंख नहीं उगे होते. मूसलाधार बारिश से घिरे रोमिल
पेंग्विन-शिशु अपने माता-पिताओं का ध्यान आकर्षित किए बिना जूझकर मर सकते हैं. अत्यधिक
गर्मी के दौरान वाटरप्रूफिंग के बिना पेंग्विन-शिशु वयस्कों की तरह ठंडे जल में
दुबकी नहीं लगा पाते.
लगभग 2,00,000 पेंग्विन-जोड़े
अर्जेंटीना में शुष्क पुंटा टोंबो प्रायद्वीप पर अपने घोंसले बनाते हैं, जो कि मेगलैनिक पेंग्विनों का विश्व में सबसे बड़ा प्रजनन-क्षेत्र है. वे
अपने बच्चों को जन्म देने के लिए सितंबर से फरवरी के दौरान इस प्रायद्वीप में रहते
हैं.
मेगलैनिक पेंग्विनों के बारे में
मेगलैनिक पेंग्विन मध्यम आकार के पेंग्विन होते हैं, जिनकी ऊँचाई लगभग 15 इंच और वजन लगभग 10 पौंड होता है. इस प्रजाति के नर बोलने पर गधों के रेंकने की-सी आवाज करते
हैं. पेंग्विनों की 17 प्रजातियों में से मेगलैनिक नस्ल सहित
10 प्रजातियाँ इस क्षेत्र में, जहाँ बर्फ
नहीं होती, अपेक्षाकृत सूखा होता है और तापमान शीतोष्ण हो
सकता है, पाई जाती हैं.
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