रिज़र्व बैंक ऑफ़ जिम्बाब्बे ने भारतीय रुपये के साथ ही चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया की मुद्रा को देश में परिचालित किए जाने वाले
मुद्रा-समूह में शामिल किया. रिज़र्व बैंक ऑफ़ जिम्बाब्बे (आरबीजेड) ने इसकी घोषणा 29
जनवरी 2014 को की. इसके साथ ही भारतीय रुपया
जिम्बाब्बे में वैध मुद्रा बन गई.
जिम्बाब्बे के नागरिक अब चीनी युआन, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, भारतीय रुपये और जापानी येन में खाता खोल सकते हैं.
इसके पहले तक जिम्बाब्बे अमेरिकी डॉलर और दक्षिण अफ्रीकी रैंड को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करता था, जिन्होंने विश्व-रिकॉर्ड मुद्रास्फीति के कारण भँवर में फँसे इस देश को अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने में सहायता की.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं में चार एशियाई मुद्राएँ शामिल किए जाने से देश में परिचालित मुद्राओं की संख्या नौ हो गई है. यथा-बोत्स्वाना पुला, ब्रिटिश स्टर्लिंग पौंड, यूरो, दक्षिण अफ्रीकी रैंड और अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त केंद्रीय बैंक ने ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (एयूडी), चीनी युआन (सीवाईएन), भारतीय रुपये (आईएनआर) और जापानी येन.
जिम्बाब्बे ने वर्ष 2009 में जानू पीएफ के शासन-काल में विश्व-रिकॉर्ड मुद्रास्फीति-स्तरों द्वारा देश को आर्थिक विध्वंस में धकेल दिए जाने के बाद अपनी स्वयं की मुद्रा का परित्याग कर दिया था. वर्ष 2009 में गठबंधन-सरकार ने बहु-मुद्रा प्रणाली लागू की, जो जिम्बाब्बे में स्थिरता लेकर आई.
जिम्बाब्बे के नागरिक अब चीनी युआन, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, भारतीय रुपये और जापानी येन में खाता खोल सकते हैं.
इसके पहले तक जिम्बाब्बे अमेरिकी डॉलर और दक्षिण अफ्रीकी रैंड को वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करता था, जिन्होंने विश्व-रिकॉर्ड मुद्रास्फीति के कारण भँवर में फँसे इस देश को अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिरता प्रदान करने में सहायता की.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं में चार एशियाई मुद्राएँ शामिल किए जाने से देश में परिचालित मुद्राओं की संख्या नौ हो गई है. यथा-बोत्स्वाना पुला, ब्रिटिश स्टर्लिंग पौंड, यूरो, दक्षिण अफ्रीकी रैंड और अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त केंद्रीय बैंक ने ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (एयूडी), चीनी युआन (सीवाईएन), भारतीय रुपये (आईएनआर) और जापानी येन.
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