हानिकारक धूम-कोहरे और वायु-प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु बीजिंग ने कानून बनाया-(24-JAN-2014) C.A

| Friday, January 24, 2014
चीन की राजधानी बीजिंग ने वायु-प्रदूषण पर काबू पाने के लिए उत्सर्जन-नियंत्रण की विशेषताओं वाला एक कानून 22 जनवरी 2014 को पारित किया. अति हानिकारक धूम-कोहरे (स्मॉग) से मुकाबला करने का बीजिंग का यह नवीनतम प्रयास है.

बीजिंग म्यूनिसिपल पीपुल्स कांग्रेस द्वारा इस विनियम के पक्ष में मतदान किया गया. इस विनियम ने 2000 में जारी किए गए दिशानिर्देशों का स्थान लिया. यह अपनी तरह का पहला विनियम है.
विनियम के मुख्य बिदु 
विनियम के साथ जारी किए गए दिशानिर्देशों के अनुसार, चीन ने कोयले की खपत में भारी कमी लाने और प्रदूषणकारी युक्त स्मेल्टर और फैक्टरियाँ बंद करने का निर्णय लिया. विनियम में परमाणु-बिजली और प्राकृतिक गैस के प्रयोग को बढ़ावा देने की माँग की गई है. इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने वाले को दंडित किए जाने का प्रावधान है. इसमें 10000 से 100000 युआन तक के जुर्माने शामिल हैं.

निर्धारित उत्सर्जन-नियमों से ज्यादा उत्सर्जन करने वाले वाहनों के मालिकों पर 3000 युआन तक का जुर्माना लगाया जाएगा. बीजिंग के अतिरिक्त तियांजिन और शंघाई जैसे 10 और प्रांत विनियम में कवर किए गए हैं.

इस समय चीन की राजधानी अपनी खतरनाक अस्वच्छ वायु की गिरफ्त में है. वर्ष 2014 में यह चीन की पहली प्रदूषण-चेतावनी है.
   
पृष्ठभूमि 
चीन जनवरी 2014 में खतरनाक धूम-कोहरे के लिए जिम्मेदार वायु-प्रदूषण घटाने के लिए दबाव में है, जिसने प्रदूषण-स्तरों में 20-गुना से ज्यादा वृद्धि कर दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इसे स्वास्थ्य के लिए  अत्यंत हानिकारक माना गया. 16 जनवरी 2014 को पीएम 2.5 नामक फाइन पार्टिक्यूलिट पलूशन 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक पहुँच गया था.        

विश्लेषण
चीन की बिजली-आवश्यकताओं में से लगभग एक-तिहाई की पूर्ति कोयले से होती है. इस योजना के तहत कोयले/जीवाश्म-ईंधन की खपत घटाकर अधिकतम 65 प्रतिशत तक करना है. कोयले की खपत में कटौती की इस योजना को लागू करना चीन के लिए एक कठिन कार्य है.


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