वित्तवर्ष 2014-15 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहने का विश्व बैंक का अनुमान-(16-JAN-2014) C.A

| Thursday, January 16, 2014
विश्व बैंक ने अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट (Global Economic Prospects Report) वाशिंगटन में 15 जनवरी 2014 को जारी की. इस रिपोर्ट में  विश्व बैंक ने वित्तवर्ष 2014-15 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6 प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान व्यक्त किया.
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013 के अंत में क्षेत्र के विकास में भरपाई देखने को मिली और भारत में तेजी, निवेश और बाहरी मांग में बढ़ोतरी के दम पर 2016 तक इस क्षेत्र की विकास दर 6.7 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान है. विश्व बैंक ने कहा कि भारत की विकास दर वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान 6 फीसदी से कुछ अधिक, 2015-16 के दौरान 6.6 फीसदी और 2016-17 के दौरान 7.1 फीसदी पर पहुंचने की उम्मीद है. भारत में विकास दर घरेलू स्तर पर निवेश बढऩे और वैश्विक मांग में तेजी के दम पर आगे बढ़ेगी.

पाकिस्तान में विकास दर 2013-14 के दौरान 3.4 फीसदी पर रहने का अनुमान है जो कि हल्की बढ़त के साथ 4.5 फीसदी तक पहुंचेगा.

विश्व बैंक ने चीन में 2014 में वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने और अगले दो साल में इसके घटकर 7.5 प्रतिशत पर आने का अनुमान जताया.

विश्व बैंक ने अपनी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में कहा कि वैश्विक जीडीपी वृद्धि दर प्रतिवर्ष सुधरकर 3.2 प्रतिशत पहुंच सकती है, जो वर्ष 2013 में 2.4 प्रतिशत थी और वर्ष 2015 में 3.4 प्रतिशत और  वर्ष 2016 में 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील देशों में वृद्धि दर सुधरने और अधिक आय वाली अर्थव्यवस्थाओं के नरमी के दौर से उबरने के साथ इस साल वैश्विक अर्थव्यवस्था के मजबूत होने का अनुमान है.

रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया में कई वर्षो की तेज मुद्रास्फीति और चालू खाता घाटा के उच्चस्तर के कारण भारत के कमजोर विकास ने एक बड़ा नकारात्मक उत्पादन अन्तराल (Negative Output Gap, नेगेटिव आउटपुट गैप) बना दिया. यह अन्तराल अर्थव्यवस्था में मंद सुधार के द्वारा क्रमिक रूप से भर रहा है.

वर्ष 2014 के दौरान इस क्षेत्र की विकास दर मजबूत होकर 5.7 फीसदी पर पहुंचने जबकि 2016 तक 6.7 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान व्यक्त किया.  भारत के कमजोर प्रदर्शन के चलते दक्षिण एशिया क्षेत्र की विकास दर 2013 में 4.6 फीसदी के निचले स्तर पर रहने का अनुमान है.

विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा, कि अधिक आय वाले एवं विकासशील देशों में वृद्धि दर में मजबूती दिखाई दे रही है, लेकिन गिरावट का जोखिम वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार के रास्ते एक खतरा बना हुआ है”.

विश्व बैंक समूह के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा, विकसित देशों के निष्पादन में तेजी आ रही है और इसे आने वाले महीनों में विकासशील देशों में मजबूत वृद्धि दर से सहयोग मिलना चाहिए. गरीबी घटाने के लिए विकासशील देशों को अब भी ढांचागत सुधार करने की जरूरत है, जिससे रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिले, वित्तीय प्रणाली मजबूत हो और सामाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़े.
विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कौशिक बसु का कहना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के सूचकांकों में सुधार दिखाई दे रहा है. यूरो क्षेत्र मंदी से बाहर है लेकिन प्रति व्यक्ति आय अभी भी बहुत से देशों में गिर रही है.
विश्व बैंक
विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट संस्थाओं में से एक है जो कि सदस्य देशों के आर्थिक विकास तथा पुनर्निर्माण में सहायता देती है. विश्व बैंक समूह पांच अंतर राष्ट्रीय संगठनों का ऐसा समूह है जो कि विभिन्न देशों को वित्तीय परामर्श तथा वित्त मुहैया कराता है. विश्व बैंक समूह का मुख्यालय अमेरिका का वाशिंगटन में हैं. विश्व बैंक समूह के वर्तमान अध्यक्ष जिम याँग किम हैं. विश्व बैंक की स्थापना जुलाई 1944 में हुई थी. विश्व बैंक की दो संस्थायें हैं इंटरनेशनल बैंक फॉर रीकॉन्सट्रक्शन एण्ड डेवेलपमेंट (आईबीआरडी) तथा इंटरनेशनल डेवेलपमेंट एशोसिएशन (आईडीए). आईबीआरडी में कुल 188 सदस्य देश हैं जबकि आईडीए में 172 सदस्य देश हैं.


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