जानवरों पर सौन्दर्य प्रसाधनों का परीक्षण भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित-(30-JAN-2014) C.A

| Thursday, January 30, 2014
केंद्र सरकार ने जानवरों पर कॉस्मेटिक कंपनियों के परीक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया. जानवरों पर सौंदर्य प्रसाधन परीक्षण पर रोक लगाने की अधिसूचना 27 जनवरी 2014 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी की गयी. जानवरों पर सौंदर्य प्रसाधनों के परीक्षण पर रोक लगाने के नियम सार्वजनिक करने के 45 दिनों के भीतर प्रभावी हो जाएगा. इसके प्रभावी हो जाने के बाद ही भारत, सौंदर्य प्रसाधन और जानवरों पर अपनी सामग्री के परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बन गया.
देश में जानवरों पर उस परीक्षण को प्रतिबंधित किया गया है  जिसमें कोई कॉस्मेटिक बेचे जाने की अनुमति दी जाएगी.
 
अधिसूचना को प्रभावी बनाने के लिए, औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1945 में संशोधन किया गया. संशोधन में प्रवाधान है कि किसी भी कॉस्मेटिक उत्पाद में पशु परीक्षण किया जाता है तो उसे औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम और पशु क्रूरता अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई का सामना करना होगा. 
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुद्दों को कुछ संगठनों और संसद सदस्यों द्वारा उठाए गया था जिसके बाद नियमों में संशोधन करने, और यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ लाइन में मानकों का पालन करने का फैसला किया गया. यूरोपीय संघ ने 2013 में जानवरों पर सौंदर्य प्रसाधनों का परीक्षण पूरी तरह से अवैध रूप से बनाया है, जिसे यूरोपीय संघ के कानून के अंतिम चरण में लागू किया. हालांकि, देश में पशु परीक्षण किया सौंदर्य प्रसाधन का आयात और बिक्री से कंपनियों को रोका नहीं जाएगा. 

कंपनियां अभी भी अन्य देशों में अपने पशु परीक्षण आउटसोर्स करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसे रोकने के लिए, भारत को हाल में पशु परीक्षण किये गये कॉस्मेटिक उत्पादों और सामग्री पर दुनिया में कहीं भी आयात और बिक्री किये गये उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने चाहिए. 

इजरायल और यूरोपीय संघ ने उनके संबंधित न्यायालय में सौंदर्य प्रसाधन में पशु परीक्षण की पीड़ा को खत्म करने और बिक्री पर रोक लगाने दोनों को लागू किया है.


0 comments:

Post a Comment