संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने
ओडिशा-स्थित चिल्का लैगून को डेस्टिनेशन फ्लाईवेज अर्थात उड़न-गंतव्य (वह भौगोलिक
मार्ग, जिससे आम तौर पर पक्षी देशांतरण करते हैं)
के रूप में 21 जनवरी 2014 को नामित
किया. चिल्का लैगून को उड़न-गंतव्य (डेस्टिनेशन फ्लाईवेज) नामित करने का कारण
प्रवासी पक्षियों के लिए वहनीय और लोचदार गंतव्य होना है.
चिल्का यूएनडब्ल्यूटीओ द्वारा चुना गया एशिया का अकेला स्थल है और उसे ऐसे आठ स्थलों की सूची में रखा गया है. यूएनडब्ल्यूटीओ की उड़न-गंतव्य पहल का उद्देश्य वहनीय पर्यटन को बढ़ावा देना है.
यह चिल्का विकास प्राधिकरण (सीडीए) को नवोन्मेषी पर्यटन और आजीविका के उत्पादों के सृजन द्वारा प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए रणनीतियां विकसित करने में मदद करेगी. चिल्का विकास प्राधिकरण (सीडीए) के मुख्य कार्यपालक अजीत कुमार पटनायक हैं.
चिल्का झील की सिफारिश छह अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने की थी. ये एजेंसियाँ थीं जैविक विविधता सम्मेलन का सचिवालय, प्रवासी प्रजातियों का सम्मेलन, रामसर सम्मेलन सचिवालय, विश्व विरासत और यूनेस्को के मनुष्य और जीवमंडल कार्यक्रम.
इससे पूर्व जनवरी 2014 में यूएनडब्ल्यूटीओ ने वर्जीनिया ट्रापा (यूएनडब्ल्यूटीओ के एक सदस्य) की अध्यक्षता में चिल्का के लिए एक मिशन शुरू किया था.
इस मौसम में 1100 मीटर लंबे इस लैगून में लगभग 7.19 लाख प्रवासी पक्षी देखे गए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम हैं. पिछली सर्दी में इस झील में 180 प्रजातियों के लगभग 8.77 लाख पक्षी आए थे, जबकि 2012 में 167 प्रजातियों के 8.83 पक्षियों का इस ब्लू लैगून में आगमन हुआ था.
चिल्का झील
चिल्का झील भारत में ओडिशा के पूर्वी तट पर स्थित है. यह पूर्वी तट के साथ फैली नदीमुख स्वरूप की खारे पानी की एशिया की सबसे बड़ी झील है.
यह भारतीय उपमहाद्वीप में कहीं भी पाया जाने वाला प्रवासी जलपक्षियों का सबसे बड़ा शीतकालीन आवास-स्थल है. यह देश के जैवविविधता के हॉटस्पॉट्स में से एक है. जोखिमग्रस्त प्राणियों की आईयूसीएन लाल सूची में शामिल कुछ दुर्लभ, असुरक्षित और संकटग्रस्त प्रजातियाँ अपने जीवन-चक्र के कम से कम एक हिस्से में इस लैगून में रहती हैं.
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ)
यूएनडब्ल्यूटीओ संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसी है, जो वहनीय और सार्वभौमिक रूप से अभिगम्य पर्यटन के संवर्धन के लिए उत्तरदायी है. इसकी स्थापना 27 सितंबर 1970 को की गई थी और वर्ष 1979 से इसके स्थापना-दिवस को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है.
वर्ष 1975 में पहले डब्ल्यूटीओ महासचिव की नियुक्ति की गई थी और महासभा ने स्पेन की राजधानी मैड्रिड में डब्ल्यूटीओ मुख्यालय की स्थापना की थी.
यूएनडब्ल्यूटीओ के 156 देश सदस्य, 6 सहयोगी सदस्य और 400 संबद्ध सदस्य हैं, जो निजी क्षेत्र, शैक्षिक संस्थानों, पर्यटन-संघों और स्थानीय पर्यटन-प्राधिकरणों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
चिल्का यूएनडब्ल्यूटीओ द्वारा चुना गया एशिया का अकेला स्थल है और उसे ऐसे आठ स्थलों की सूची में रखा गया है. यूएनडब्ल्यूटीओ की उड़न-गंतव्य पहल का उद्देश्य वहनीय पर्यटन को बढ़ावा देना है.
यह चिल्का विकास प्राधिकरण (सीडीए) को नवोन्मेषी पर्यटन और आजीविका के उत्पादों के सृजन द्वारा प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिए रणनीतियां विकसित करने में मदद करेगी. चिल्का विकास प्राधिकरण (सीडीए) के मुख्य कार्यपालक अजीत कुमार पटनायक हैं.
चिल्का झील की सिफारिश छह अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने की थी. ये एजेंसियाँ थीं जैविक विविधता सम्मेलन का सचिवालय, प्रवासी प्रजातियों का सम्मेलन, रामसर सम्मेलन सचिवालय, विश्व विरासत और यूनेस्को के मनुष्य और जीवमंडल कार्यक्रम.
इससे पूर्व जनवरी 2014 में यूएनडब्ल्यूटीओ ने वर्जीनिया ट्रापा (यूएनडब्ल्यूटीओ के एक सदस्य) की अध्यक्षता में चिल्का के लिए एक मिशन शुरू किया था.
इस मौसम में 1100 मीटर लंबे इस लैगून में लगभग 7.19 लाख प्रवासी पक्षी देखे गए हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में कम हैं. पिछली सर्दी में इस झील में 180 प्रजातियों के लगभग 8.77 लाख पक्षी आए थे, जबकि 2012 में 167 प्रजातियों के 8.83 पक्षियों का इस ब्लू लैगून में आगमन हुआ था.
चिल्का झील
चिल्का झील भारत में ओडिशा के पूर्वी तट पर स्थित है. यह पूर्वी तट के साथ फैली नदीमुख स्वरूप की खारे पानी की एशिया की सबसे बड़ी झील है.
यह भारतीय उपमहाद्वीप में कहीं भी पाया जाने वाला प्रवासी जलपक्षियों का सबसे बड़ा शीतकालीन आवास-स्थल है. यह देश के जैवविविधता के हॉटस्पॉट्स में से एक है. जोखिमग्रस्त प्राणियों की आईयूसीएन लाल सूची में शामिल कुछ दुर्लभ, असुरक्षित और संकटग्रस्त प्रजातियाँ अपने जीवन-चक्र के कम से कम एक हिस्से में इस लैगून में रहती हैं.
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ)
यूएनडब्ल्यूटीओ संयुक्त राष्ट्र की एक विशेषज्ञता प्राप्त एजेंसी है, जो वहनीय और सार्वभौमिक रूप से अभिगम्य पर्यटन के संवर्धन के लिए उत्तरदायी है. इसकी स्थापना 27 सितंबर 1970 को की गई थी और वर्ष 1979 से इसके स्थापना-दिवस को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है.
वर्ष 1975 में पहले डब्ल्यूटीओ महासचिव की नियुक्ति की गई थी और महासभा ने स्पेन की राजधानी मैड्रिड में डब्ल्यूटीओ मुख्यालय की स्थापना की थी.
यूएनडब्ल्यूटीओ के 156 देश सदस्य, 6 सहयोगी सदस्य और 400 संबद्ध सदस्य हैं, जो निजी क्षेत्र, शैक्षिक संस्थानों, पर्यटन-संघों और स्थानीय पर्यटन-प्राधिकरणों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
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