डॉ. तेजवीर सिंह को 22 जनवरी 2014
को पर्यटन के क्षेत्र में ज्ञान के सृजन और प्रसार में उत्कृष्टता
के लिए यूएनडब्ल्यूटीओ यूलीसेस पुरस्कार 2013 प्रदान किया
गया. डॉ. तेजवीर सिंह भारत में पर्यटन अनुसंधान और विकास केंद्र (सीटीआरडी) के
प्रोफेसर एवं संस्थापक निदेशक हैं. यूलीसेस पुरस्कार पर्यटन के क्षेत्र में शिक्षा
एवं अनुसंधान के विकास में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया जाता है.
डॉ. तेजवीर सिंह से संबंधित तथ्य
• लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के
निवासी डॉ. तेजवीर सिंह ने भारत पर विशेष फोकस के साथ पर्यटन शिक्षा एवं अनुसंधान
के प्रयोजन के लिए समर्पित एक गैरसरकारी संगठन सीटीआरडी की स्थापना 1976 में की थी.
• डॉ. सिंह 'टूरिज्म रिक्रिएशन रिसर्च' के संस्थापक संपादक हैं. यह पर्यटन के क्षेत्र में गहन पर्यटन-अनुसंधान शुरू करने वाली तथा एशिया में अत्यधिक लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पत्रिका है.
• हिमालयी पर्यटन में विशेषज्ञ डॉ. सिंह पर्यटन पर अनेक पुस्तकें और पर्यटन-विकास और उसके प्रभावों पर अनेक पेपर प्रकाशित करवाए हैं. 'क्रिटिकल डिबेट्स इन टूरिज्म' उनकी पुस्तकों में से एक है.
• डॉ. सिंह ने गढ़वाल विश्वविद्यालय में हिमालयी अध्ययन और क्षेत्रीय विकास संस्थान के संस्थापक निदेशक के रूप में पहला हिमालयी पर्यटन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया.
यूएनडब्ल्यूटीओ यूलीसेस पुरस्कार के बारे में
यूएनडब्ल्यूटीओ यूलीसेस पुरस्कार शिक्षा-जगत या सरकारी अथवा निजी उद्योग के किसी विशिष्ट विद्वान को पर्यटन के क्षेत्र में नवपरिवर्तन और ज्ञान में उसके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.
• डॉ. सिंह 'टूरिज्म रिक्रिएशन रिसर्च' के संस्थापक संपादक हैं. यह पर्यटन के क्षेत्र में गहन पर्यटन-अनुसंधान शुरू करने वाली तथा एशिया में अत्यधिक लोकप्रिय अंतरराष्ट्रीय पर्यटन पत्रिका है.
• हिमालयी पर्यटन में विशेषज्ञ डॉ. सिंह पर्यटन पर अनेक पुस्तकें और पर्यटन-विकास और उसके प्रभावों पर अनेक पेपर प्रकाशित करवाए हैं. 'क्रिटिकल डिबेट्स इन टूरिज्म' उनकी पुस्तकों में से एक है.
• डॉ. सिंह ने गढ़वाल विश्वविद्यालय में हिमालयी अध्ययन और क्षेत्रीय विकास संस्थान के संस्थापक निदेशक के रूप में पहला हिमालयी पर्यटन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया.
यूएनडब्ल्यूटीओ यूलीसेस पुरस्कार के बारे में
यूएनडब्ल्यूटीओ यूलीसेस पुरस्कार शिक्षा-जगत या सरकारी अथवा निजी उद्योग के किसी विशिष्ट विद्वान को पर्यटन के क्षेत्र में नवपरिवर्तन और ज्ञान में उसके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.
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