केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया-(22-JAN-2014) C.A

| Wednesday, January 22, 2014
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा 20 जनवरी 2014 को प्रदान किया. इस स्वीकृति ने जैन समुदाय को सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ उठाने का पात्र बना दिया. केंद्रीय मंत्रिमंडल की इस स्वीकृति से जैन समुदाय अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त करने वाला छठा समुदाय बन गया. जिन अन्य पांच समुदायों को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है, वे निम्नलिखित हैं.
मुस्लिम
ईसाई
सिख
बौद्ध
पारसी

यह मंजूरी 2014 के लोकसभा-चुनावों से पहले आई है. यह कांग्रेस-उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मुलाकात के बाद आई.
जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान करने को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान किए जाने से पहले ही मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त था. परन्तु केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस स्वीकृति से जैन समुदाय को यह दर्जा पूरे देश में प्राप्त हो गया.
  
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 की धारा 2(ग) के अंतर्गत इस निर्णय के अधिसूचित होने के बाद जैन समुदाय कल्याण-कार्यक्रमों के तहत विनियमित की जाने वाली केंद्रीय निधि में से एक हिस्सा और साथ ही अल्पसंख्यकों को मिलने वाली छात्रवृत्तियाँ भी प्राप्त करेगा. इस अधिसूचना के बाद समुदाय अपने स्वयं के शैक्षिक संस्थानों का प्रशासन और प्रबंधन कर सकेगा.       

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के अध्याय I की धारा 2 में अल्पसंख्यक आयोग को परिभाषित किया गया है. जो निम्नलिखित है.
i. आयोग का अर्थ है धारा 3 के अंतर्गत गठित राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग.
ii. सदस्य का अर्थ है आयोग का सदस्य (जिसमें उपाध्यक्ष शामिल है)
iii. अल्पसंख्यक का इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए अर्थ है केंद्र सरकार द्वारा इस रूप में अधिसूचित कोई समुदाय
iv. निर्धारित का अर्थ है इस अधिनियम के अंतर्गत बनाए गए नियमों द्वारा निर्धारित.

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के गठन की प्रक्रिया
अधिनियम के अध्याय II की धारा 3 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के गठन की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है .
i. केंद्र सरकार इस अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने और निर्दिष्ट कार्यों का निष्पादन करने के लिए एक निकाय का गठन करेगी, जिसे राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के नाम से जाना जाएगा.  
ii. आयोग में एक अध्यक्ष (एक उपाध्यक्ष और पाँच) सदस्य होंगे, जिन्हें केंद्र सरकार प्रतिष्ठित, योग्य और निष्ठावान लोगों में से नामित करेगी; किंतु शर्त यह है कि उपाध्यक्ष सहित पाँच सदस्य अल्पसंख्यक समुदायों से होंगे.
जैन समुदाय से सम्बंधित मुख्य तथ्य 
वर्तमान में भारत में जैनियों की जनसंख्या लगभग 50 लाख हैं.  यह एक समृद्ध समुदाय है. इसकी अधिकांश जनसंख्या परंपरागत रूप से कारोबारी समूह से जुड़ी हैं. 

जैन धर्म के अनुसार यह धर्म 24 तीर्थंकरों से उत्पन्न हुआ. ऋग्वेद में ऋषभ नामक पहले तीर्थंकर का उल्लेख मिलता है. अंतिम दो तीर्थंकर पार्श्वनाथ (23वें) और वर्धमान महावीर (24वें) थे. पार्श्वनाथ को 30 वर्ष की आयु में ज्ञान प्राप्त हुआ और वह 100 वर्ष की आयु में दिवंगत हुए. महावीर का जन्म 540 ईसापूर्व उत्तर बिहार में वैशाली के निकट कुंडग्राम में हुआ. उन्हें 42 वर्ष की उम्र में ज्ञान प्राप्त हुआ और 468 ईसापूर्व 72 वर्ष की आयु में बिहार के राजगीर में अन्नत्याग करने से उनकी मृत्यु हुई.


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