शरद पवार की अध्यक्षता में मंत्री-समूह ने चीनी-उद्योग हेतु प्रोत्साहनों को अनुमोदन प्रदान किया-(17-JAN-2014) C.A

| Friday, January 17, 2014
मंत्री-समूह (जीओएम) ने चीनी-उद्योग को दो वर्ष (2014-15) के लिए 40 लाख टन तक के निर्यात के लिए प्रोत्साहनों को 16 जनवरी 2014 को अनुमोदन प्रदान कर दिया. मंत्री-समूह की अध्यक्षता केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने किया.
चीनी-उद्योग के सामने आ रही वित्तीय समस्याओं के समाधान के लिए यह पैनल प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 28 नवंबर 2013 को गठित किया था. इस योजना के साथ कच्ची चीनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक नए उत्पाद के रूप में प्रवर्तित की जाएगी. केंद्रीय खाद्य मंत्री के वी थॉमस के अनुसार, प्रोत्साहनों की मात्रा वित्त मंत्रालय से सलाह लेने के बाद निश्चित की जाएगी.  

सरकार को दी गई अपनी सिफारिशों में पैनल ने कच्ची चीनी के 40 टन तक के निर्यात पर प्रति टन के आधार पर प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए कहा. प्रोत्साहन चीनी विकास निधि (एसडीएफ) से समायोजित किया जाएगा.

पूर्व में,केंद्र सरकार ने वर्ष 2007-08  में चीनी के 60 टन तक के निर्यात पर 1450 रुपये प्रति टन की सब्सिडी प्रदान की थी. किंतु इस बार प्रोत्साहन केवल कच्ची चीनी के निर्यात पर ही लागू होगा और नई प्रोत्साहन-योजना फिलहाल निश्चित की जा रही है. आम तौर पर भारत केवल सफेद चीनी का उत्पादन करता है, जिसकी बड़ी मात्रा देश में ही खप जाती है. उच्च उत्पादन-लागतों और निम्न बिक्री-मूल्यों के कारण देश का 80000 करोड़ रुपये मूल्य का चीनी-उद्योग वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा है.

आर्थिक मामलों पर गठित मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) ने 26 दिसंबर 2013 को चीनी-कंपनियों के लिए 6600 करोड़ रुपये की ब्याज-मुक्त ऋण-राशि का एक प्रस्ताव मंजूर किया था. ऋण का ब्याज एसडीएफ और स्वयं सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.


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