केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने डिजिटल ग्रीन के साथ समझौता किया-(30-JAN-2014) C.A

| Thursday, January 30, 2014
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 28 जनवरी 2014 को डिजिटल ग्रीन के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया. यह समझौता राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत ग्रामीण समुदायों के बीच प्रासंगिक आजीविका प्रथाओं के आदान प्रदान के लिए किया गया है.
डिजिटल ग्रीन के बारे में 
डिजिटल ग्रीन एक अंतर्राष्ट्रीय, बिना मुनाफे वाला विकास संगठन है और इसे बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, फोर्ड फाउंडेशन और भारत सरकार का सहयोग प्राप्त है.
यह एक नया आईसीटीआधारित दृष्टिकोण है जो कम लागत और सहकर्मियों से सीखने की प्रभावी प्रक्रिया पर ध्यान देता है जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को उत्पादकता बढ़ाने और स्थायी आय के जरिए सशक्त बनाना है. 
यह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर स्थानीय विडियो और मध्यस्थ प्रसार के जरिए ग्रामीण समुदायों के बीच प्रासंगिक आजीविका प्रथाओं का प्रभावी रूप से आदानप्रदान करता है. 
इसका उद्देश्य रणनीतिक दिशानिर्देशन, प्रबंधन और विकास का समन्वय, सफल कार्यान्वयन और डिजिटल ग्रीन के आजीविका से संबंधित गतिविधियों की निगरानी करना है. 
यह सार्वजनिक, निजी और नागरिक समाज संगठनों के मौजूदा विस्तार प्रणाली पर बनाता है और उसे अधिक प्रभावी और कुशल बना कर मजबूती प्रदान करता है. 
यह हितधारकों की कार्यशालाओं और प्रशिक्षण गतिविधियों के बीच समन्वय का काम करता है.
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के बारे में
•    आजीविका या राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का शुभारंभ जून 2011 में ग्रामीण विकास मंत्रालय ने किया था.
•    एनआरएलएम भारत में महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा कार्यक्रम है. 
•    एनआरएलएम का उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों को स्वयं सहायता समूह (एचएसजी) और संघीय संस्थानों के जरिए कवर करना और उनकी आजीविका में सहयोग करना है. 
•    एनआरएलएम गरीबों के जन्मजात क्षमताओं को उभारने में विश्वास रखता है और आर्थिक विकास में भागीदार बनाने के लिए उन्हें  सूचना, ज्ञान, कौशल, उपकरणों, वित्त और सामूहीकरण जैसी क्षमताएं प्रदान करना है.


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