रूस एवं चीन को अपने पहले नौसेना युद्ध खेल का आयोजन भूमध्य सागर में
1 फ़रवरी 2014 से करना है. इस
संयुक्त नौसैनिक ड्रिल में, रूस की भारी परमाणु मिसाइल
“क्रूजर पीटर महान” एवं चीनी युद्धपोत
यानचेंग शामिल है.
इस संयुक्त नौसैनिक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य पूर्वी भूमध्य सागर में
संयुक्त अभियान के लिए रूसी एवं चीनी लड़ाकू जहाजों की परस्पर कार्यक्षमता को
बढ़ाना. यह रूसी एवं चीनी नौसेनाओं के बीच पहली व्यावहारिक बातचीत है.
रूसी एवं चीनी युद्धपोत संयुक्त चालों का प्रदर्शन
करेंगे. रूसी क्रूजर पर एक छलावा की स्थापना की जाएगी. जहाज पर सवार दो
हेलीकाप्टरों को एक दूसरे के डेक पर उतरने का अभ्यास करना है.
जुलाई 2013 में रूस एवं चीन
ने तीन दिवसीय संयुक्त नौसैनिक सैन्य अभ्यास का आयोजन किया था. नौसेना इंटरेक्शन-2013
रूस एवं चीन के मध्य खुले पानी में रूस के व्लादिवोस्तोक बंदरगाह पर
हुआ था. यह अभ्यास प्रादेशिक जल क्षेत्र के बाहर तैनात सैनिकों की संख्या के मामले
में चीन का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास है.
हाल के वर्षों में चीनी नौसेना ने प्रशांत एवं हिंद
महासागर में आयोजित संयुक्त अभ्यास श्रृंखला में भाग लिया है.
शंघाई सहयोग संगठन से
संबंधित तथ्य
• शंघाई सहयोग संगठन
द्वारा आयोजित युद्ध खेल में चीनी थल सेना ने भी भाग लिया है.
• रूस एवं चीन शंघाई सहयोग संगठन के संस्थापक सदस्य है.
• शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 26 अप्रैल 1996 में की गयी थी.
• इसका मुख्यालय बीजिंग (चीन) में है.
• इसके संगठन में छः सदस्य है- चीन, रूस, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान है.
• रूस एवं चीन शंघाई सहयोग संगठन के संस्थापक सदस्य है.
• शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 26 अप्रैल 1996 में की गयी थी.
• इसका मुख्यालय बीजिंग (चीन) में है.
• इसके संगठन में छः सदस्य है- चीन, रूस, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, कज़ाकिस्तान है.
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