भारतीय तटरक्षक के गश्ती जहाज अभिनव का वाइस एडमिरल अनुराग
जी थपियाल द्वारा कोच्चि में 15 जनवरी 2014
को जलावतरण किया गया. गश्ती जहाज अभिनव बीस तेज गश्ती जहाजों
(एफपीवी) की श्रृंखला में तीसरा है, जिसका डिजाइन और
निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा किया गया.
जहाज का नाम आईसीजीएस अभिनव रखा गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ आधुनिक होता है. यह कमांडर, तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) के प्रशासनिक और परिचालनात्मक नियंत्रण के अधीन कोच्चि में रहेगा. जहाज अभिनव कमांडेंट (जेजी) रमन कुमार की कमान में है और उसमें 5 अधिकारी और 34 अन्य रैंकों के कर्मी हैं.
तटरक्षक तेज गश्ती जहाज अभिनव से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• 50 मीटर लंबे इस एफपीवी का भार 290 टन है.
• यह 33 नॉट्स की अधिकतम गति प्राप्त सकता है तथा 13 नॉट्स की किफायती गति से 1500 नॉटिकल मील तक जाने की क्षमता रखता है.
• यह अत्याधुनिक हथियारों के जखीरे और उन्नत संचार तथा नौसंचालन उपकरणों से लैस है .
• इसे विभिन्न प्रकार के निकट-तट मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिनमें निगरानी, निषेध, खोज और बचाव के साथ-साथ चिकित्सा-निकास शामिल हैं.
जहाज की विशेषताएं
• एकीकृत पुल प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस)
• एकीकृत मशीनरी नियंत्रण प्रणाली (आईएमसीएस)
• एकीकृत स्वदेशी अग्नि-नियंत्रण प्रणाली (एफसीएस) युक्त गन-माउंट
विदित हो कि एक तटीय निगरानी नेटवर्क भी स्थापित किया जा रहा है, जिसमें तत्काल तटीय निगरानी सुनिश्चित करने के लिए 46 स्टेशन होंगे. समुद्र से संभावित विषम खतरों को देखते हुए भारत सरकार तटीय सुरक्षा पर खासा बल दे रही है. अगले पाँच वर्षों में भारतीय तटरक्षक के पास 150 जहाज/नौकाएँ और 100 एयरक्राफ्ट समुद्री बल होने की संभावना है.
जहाज का नाम आईसीजीएस अभिनव रखा गया है, जिसका शाब्दिक अर्थ आधुनिक होता है. यह कमांडर, तटरक्षक क्षेत्र (पश्चिम) के प्रशासनिक और परिचालनात्मक नियंत्रण के अधीन कोच्चि में रहेगा. जहाज अभिनव कमांडेंट (जेजी) रमन कुमार की कमान में है और उसमें 5 अधिकारी और 34 अन्य रैंकों के कर्मी हैं.
तटरक्षक तेज गश्ती जहाज अभिनव से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• 50 मीटर लंबे इस एफपीवी का भार 290 टन है.
• यह 33 नॉट्स की अधिकतम गति प्राप्त सकता है तथा 13 नॉट्स की किफायती गति से 1500 नॉटिकल मील तक जाने की क्षमता रखता है.
• यह अत्याधुनिक हथियारों के जखीरे और उन्नत संचार तथा नौसंचालन उपकरणों से लैस है .
• इसे विभिन्न प्रकार के निकट-तट मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है, जिनमें निगरानी, निषेध, खोज और बचाव के साथ-साथ चिकित्सा-निकास शामिल हैं.
जहाज की विशेषताएं
• एकीकृत पुल प्रबंधन प्रणाली (आईबीएमएस)
• एकीकृत मशीनरी नियंत्रण प्रणाली (आईएमसीएस)
• एकीकृत स्वदेशी अग्नि-नियंत्रण प्रणाली (एफसीएस) युक्त गन-माउंट
विदित हो कि एक तटीय निगरानी नेटवर्क भी स्थापित किया जा रहा है, जिसमें तत्काल तटीय निगरानी सुनिश्चित करने के लिए 46 स्टेशन होंगे. समुद्र से संभावित विषम खतरों को देखते हुए भारत सरकार तटीय सुरक्षा पर खासा बल दे रही है. अगले पाँच वर्षों में भारतीय तटरक्षक के पास 150 जहाज/नौकाएँ और 100 एयरक्राफ्ट समुद्री बल होने की संभावना है.
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